घर पर शिवलिंग की पूजा करने के हैं कुछ नियम।
घर में रखें अंगूठे के आकार का शिवलिंग।
शिवलिंग की सुबह-शाम पूजा करना जरूरी।
खंडित शिवलिंग घर में ना रखें।
राज एक्सप्रेस। देवाें के देव महादेव अत्यंत भोले हैं। भगवान शिव को पंचदेवों में से एक माना गया है। उनकी पूजा विधि भी बहुत सरल है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, बस भक्तों को एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। लेकिन भोलेनाथ का रौद्र रूप भी है। इसलिए उनकी पूजा करते समय सभी नियमों का पालन अच्छी तरह से करना चाहिए। भक्त शिवजी की पूजा लिंग के रूप में करते हैं। इसलिए इसे मंदिरों और घरों में रखा जाता है। अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए, भगवान शिव के उपासक रोजाना उन्हें जल, दूध या पंच-अमृत से स्नान कराने के बाद चंदन का तिलक लगाते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं। कई लोगों का मानना है कि घर में शिवलिंग नहीं रखना चाहिए, जबकि ज्यादातर लोग इसे घर में रखने की सलाह देते हैं। अगर आप शिवरात्रि के मौके पर घर पर शिवलिंग रख रहे हैं, तो कुछ बातों का जानना बहुत जरूरी है।
शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि घर में शिवलिंग रखने और उसकी पूजा करने से उसमें भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा आती है। इसके अलावा, इसे देवता का प्रतिनिधि माना जाता है और इसकी पूजा करने से व्यक्ति समृद्ध और खुशहाल होता है। मान्यता है कि घर में अंगूठे के आकार का शिवलिंग रखना शुभ होता है। शिवलिंग चांदी, सोना, तांबा, सफेद धातु, पारद धातु, कांच और पत्थर के हो सकते हैं। हर एक का अपना महत्व है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि नर्मदा नदी से प्राप्त काली चट्टान से बना हुआ शिवलिंग ज्यादा अच्छा होता है।
जिस तरह सही समय पर काम करने से हमें फायदा होता है, उसी तरह सटीक शिव मूर्ति स्थापना भी किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिवलिंग को साफ-सुथरी जगह पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि उत्तर भगवान शिव की पसंदीदा दिशा है, क्योंकि उनका निवास स्थान कैलाश इसी दिशा में है।
शिवलिंग को एक खुले क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। घर में एक से ज्यादा शिव लिंग नहीं रखना चाहिए। घर में शिवलिंग स्थापित कर रहे हैं, तो देख लें कि शिवलिंग के चारों ओर एक सांप लिपटा हो।
आमतौर पर लोग घर पर शिव मूर्ति लाते हैं, उसे अपने बर्तन में रखते हैं, लेकिन नियमित रूप से इसकी देखभाल नहीं कर पाते। शिवलिंग को केवल घर पर ही रखा जाना चाहिए। नियमित सुबह-शाम पूजा-अर्चना करनी चाहिए। नियमित रूप से शिवलिंग को स्नान कराकर चंदन और फूल भी लगाना चाहिए। इसके अलावा, भक्त शिव मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
घर में स्थापित शिवलिंग की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए और वह भी सही पूजा सामग्री के साथ।
शिव लिंग पर ताजा ठंडा दूध ही चढ़ाना चाहिए।
लिंग के बगल में गणेश और मां गौरी की मूर्ति रखनी चाहिए।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर सफेद फूल और चंदन लगा सकते हैं।
शिवलिंग की पूजा में किसी भी रूप में हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हल्दी का इस्तेमाल आमतौर पर महिलाएं करती हैं। शिवलिंग पुरुष देवता हैं, इसलिए हल्दी का उपयोग वर्जित है।
शिवलिंग पर सीधे डिब्बे या पैकेट से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए। बेहतर है स्टील या पीतल के बर्तन में लेकर दूध चढ़ाएं।
महिलाओं को मासिक धर्म के दिनों में शिवलिंग को छूने से बचना चाहिए।
शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद पहले नहीं खाना चाहिए। बल्कि इसे पहले दूसरों के बीच बांटा जाना चाहिए।
शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। देवता का आशीर्वाद लेने के लिए केवल बेल का फूल चढ़ाना ही काफी है।
घर में कोई भी टूटा हुआ शिवलिंग ना रखें। खंडित हो जाए, तो इसे किसी बहती नदी या किसी मंदिर के तालाब या कुएं में बहा देना चाहिए।
घर में शिवलिंग स्थापित करना आसान नहीं है। क्योंकि इसके साथ दैनिक दिनचर्या में सख्त होना पड़ता है। हालांकि, अगर आप नियमों का अच्छी तरह से पालन करते हैं, तो आप जल्द ही अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव कर सकते हैं।
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