Sri Sri Ravi Shankar Birthday Syed Dabeer Hussain - RE
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महज 4 साल की उम्र में कर लेते थे गीता श्लोकों का पाठ, बचपन में ही बढ़ा दी थे रविशंकर ने आध्यात्म की ओर कदम

रविशंकर का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की ओर था। महज 4 साल की छोटी उम्र में रविशंकर गीता के श्लोकों का पाठ भी कर लेते थे।

Vishwabandhu Pandey

Sri Sri Ravi Shankar Birthday : आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म आज ही के दिन यानि 13 मई 1956 को भारत के तमिलनाडु राज्य में हुआ था। आज के समय में रविशंकर (Ravi Shankar) एक जाना पहचाना नाम बन चुके हैं। वे वैश्विक स्तर पर एक अध्यात्मिक धर्मगुरु के तौर पर अपना नाम स्थापित कर चुके हैं। रविशंकर के चाहने वाले उन्हें 'श्री श्री' के नाम से संबोधित करते हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर चलिए जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।

चार साल की उम्र में करते थे पाठ

तमिलनाडु में जन्मे रविशंकर के पिता का नाम वेंकट रत्नम और माता का नाम विशालाक्षी था। गुरु के पिता ने आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) से प्रेरित होकर उनका नाम रविशंकर रखा था। रविशंकर का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की ओर था, जिसके चलते उन्होंने बचपन में ही ध्यान करना शुरू कर दिया था। महज 4 साल की छोटी उम्र में रविशंकर गीता के श्लोकों का पाठ भी कर लेते थे।

कैसे बने श्री श्री?

आध्यात्म की ओर रविशंकर के बढ़ते रूझान को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें महर्षि महेश योगी का शिष्य बना दिया। जिसके बाद अपनी समझ की सहायता से वे जल्द ही महेश योगी के सबसे प्रिय शिष्य बन गए। धीरे-धीरे रविशंकर की ख्याति चारों ओर फैलने लगी। लेकिन इस दौरान सितार वादक रवि शंकर ने उन पर यह आरोप लगाया कि वे ख्याति के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके बाद रविशंकर ने अपने नाम के आगे श्री श्री जोड़ लिया।

चलाते हैं आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन

साल 1982 में श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन (Art of Living Foundation) की स्थापना की थी। बता दें कि उनका यह फाउंडेशन दुनियाभर में शिक्षा और मानवता के प्रचार प्रसार की दिशा में काम करता है। इसके आलवा रविशंकर ने साल 1998 में इंटरनेशनल एसोसियेशन फार ह्यूमन वैल्यू (International Association for Human Values) की भी स्थापना की, जो लोगों को नैतिक मूल्यों के आधार पर जोड़ने का काम करती है।

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