राज एक्सप्रेस। भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं, जिसमें से 10वें स्थान पर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग आता है। यह ज्योतिर्लिंग भोलेनाथ के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक माना जाता है। हर साल यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्त अपने भगवान के दर्शन और पूजन के लिए लंबी कतारों में लगकर यहां तक पहुंचते हैं। यहां मंदिर के समीप ही भगवान शिव की 80 फीट की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है। आज हम आपको नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा बताने वाले हैं।
क्या है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा?
कहा जाता है कि नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस मंदिर में यदि आप सावन महीने के दौरान पूजा और दर्शन करने के लिए पहुँचते हैं तो इससे विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा मनुष्य को अपने अंत समय में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
क्या है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा?
प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार देश के गुजरात में एक वैश्य रहा करता था। वह भोलेनाथ का बहुत बड़ा भक्त था और जल एवं भोजन ग्रहण करने से पहले भगवान शिव की पूजा-अर्चना पूरे मन से करता था। यहीं पर एक राक्षस भी था जो इस पूजा में सदैव विघ्न डालने का काम किया करता था और साथ ही उस भक्त को तंग भी करता था। एक दिन इस राक्षस ने भक्त और उसके कुछ साथियों को अपनी ताकत से पकड़ लिया और एक जगह पर कैद कर दिया।
परन्तु भक्त यहां भी भगवान शिव की पूजा में पूरे मन से लगा रहा। लेकिन जब राक्षस को यह मालूम हुआ तो वह गुस्से में भक्त को मारने के इरादे से वहां जा पहुंचा। तभी वहां भगवान शिव अपने भक्त को बचाने आ गए। उन्होंने उस राक्षस का अंत किया और अपने भक्त को कैद से मुक्त किया। इसी स्थान पर भगवान शिव नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के लिए बस गए।
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