भगवान शिव की पूजा में फूलों का महत्व।
भोलेनाथ को पसंद हैं आंकड़े का फूल।
शिवलिंग पर चढ़ाएं कनेर का फूल।
भोलेनाथ को कभी ना चढ़ाएं केतकी का फूल।
राज एक्सप्रेस। भगवान शिव हिंदू धर्म में पूजनीय देवता हैं। किसी भी भक्त के लिए भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान है। भक्त उन्हें खुश करने के लिए कई चीजें अर्पित करते हैं। इनमें से एक हैं फूल। वैसे तो फूल सभी देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ पर फूल चढ़ाने का बहुत महत्व है। महादेव को फूल बेहद पसंद हैं। कहते हैं फूल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं, तो वहीं कुछ फूलों को चढ़ाने से भगवान नाराज हो जाते हैं और आपको मनोवांछित फल नहीं देते। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन फूल अर्पित करने से पहले जरूर जानना चाहिए कि भोलेनाथ को कौन से फूल चढ़ाना चाहिए कौन से नहीं।
बेलपत्र भगवान शिव को समर्पित फूल है। शिवरात्रि पर भोलेनाथ पर बेलपत्र चढ़ाने से आशीर्वाद मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है।
शिवपुराण के अनुसार अगर आप मोक्ष पाना चाहते हैं तो आपको महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को सफेद आक का फूल चढ़ाना चाहिए। इस दिन आपको वाहन का सुख मिलेगा।
भगवान शिव को शमी अत्यंत प्रिय है। अगर आप इस दौरान भोलेनाथ को शमी के फूल चढ़ाते हैं, तो आपको शिव शंभु का आशीर्वाद और शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होगी।
अगर कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है तो उसे महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को जूही के फूल चढ़ाने चाहिए। इस उपाय से उसे कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
धतूरा भगवान शिव का पसंदीदा फूल है। मान्यता है कि धतूरे के फूल के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके अलावा इन फूलों को अर्पित करके भक्त को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।
भोलेनाथ को कभी भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव ने अपनी पूजा से इस फूल को त्याग दिया है। कहते हैं कि केतकी के फूल ने भोलनाथ के खिलाफ झूठी गवाही दी थी, इसलिए भगवान ने इसे श्राप दिया था।
शास्त्रों में शिवजी को लाल रंग का फूल चढ़ाना भी वर्जित माना गया है। इसे चढ़ाने से पूजा का फल नहीं मिलता। विशेषज्ञ मानते हैं कि भगवान शिव को लाल फूल या कोई अन्य लाल वस्तु चढ़ाने से वे क्रोधित हो सकते हैं। इसलिए उनकी पूजा में लाल फूलों का प्रयोग वर्जित है।
केवड़े के फूल को फूलों का राजा भी कहते हैं। यह दुनिया का सबसे खुशबूदार फूल है। इसके बावजूद भी शिवजी की पूजा में इस फूल को कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। कहते हैं ऐसा करने से जीवन में उदासी और दुख आने लगता है।
कहते हैं नारद मुनि ने चंपा के पेड़ को श्राप दिया था , कि चंपा के फूल कभी भी भगवान शिव की पूजा में स्वीकार न किए जाएं। इसलिए भगवान शिव की पूजा में चंपा के फूल नहीं चढ़ाए जाते।
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