ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कार्तिक पूर्णिमा 19 नवम्बर को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा। यह साल का दूसरा और आखरी चंद्र ग्रहण इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा। इसका रंग गहरा लाल रहेगा। भारत में आंशिक चंद्रग्रहण होने की वजह से ग्रहण के दौरान सूतक काल नहीं रहेगा और लोग सूतक काल के प्रभावों से मुक्त रहेंगे। यह ग्रहण वृषभ राशि में घटित होगा।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 19 नवंबर शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन घटित होगा। इस मौके पर पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरेगी। ग्रहण दोपहर 12:48 से प्रारंभ होकर शाम 4:17 तक रहेगा। वहीं दोपहर 1:30 के बाद ग्रहण अपने पीक पर होगा। भारत में ग्रहण बहुत थोड़े समय के लिए चंद्रोदय के समय देखा जा सकेगा। ग्रहण के समय पृथ्वी पूरे चंद्रमा को सूरज की किरणों से ढक देगी। इस दौरान चांद का रंग सुर्ख लाल होगा, जिसे भारत में कई हिस्सों में देखा जा सकेगा।
सदी का लंबा चंद्रग्रहण क्यों :
सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट और 23 सेकेंड का होगा। वर्ष 2001 से वर्ष 2021 के बीच पहली बार इस तरह की घटना घटित होगी कि पृथ्वी 21वीं सदी में 228 व चंद्र ग्रहण की साक्षी बनेगी, वहीं आने वाले वर्ष में 1 माह में दो और तीन चंद्रग्रहण भी देखने को मिल सकते हैं।
दृश्य नहीं होने से नहीं लगेगा सूतक :
इस वर्ष 2021 में कुल 4 ग्रहण पड़े हैं। जिसमें दो चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल है। वर्ष 2021 में बीते 26 मई को चंद्र ग्रहण लगा था। वही सूर्यग्रहण बीते 10 जून को पहला था। आगामी इस साल का आखरी चंद्र ग्रहण को समाप्त होते हुए भारत के अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सीमांत क्षेत्रों के लोग इस खगोलीय घटना को देख सकेंगे। चंद्रमा उन्हीं स्थानों पर दिखेगा, जहां वह होरिजन के ऊपर में होगा। ग्रहण असम, अरुणाचल प्रदेश, के अलावा पश्चिमी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, और उत्तरी यूरोप के लोग भी चंद्रग्रहण को देख सकेंगे। वही साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण आगामी महीने में 4 दिसंबर को पड़ेगा।
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