Buddha Purnima 2023 : आज भारत सहित दुनिया के कई देशों में बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का पर्व (Festival) मनाया जा रहा है। दरअसल हिन्दू धर्म (Hindu Religion) के अनुसार मान्यता है कि भगवान गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) का जन्मा वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था। यही कारण है कि वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और उनके नौवें अवतार माने जाने वाले महात्मा बुद्ध की विशेषतौर पर पूजा की जाती है। भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल (Nepal) के लुम्बिनी (Lumbini) में हुआ था। साथ ही भगवान बुद्ध ने बुद्ध पूर्णिमा को ही अपने प्राण भी त्याग दिए थे। आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर हम भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े उस प्रेरक प्रसंग के बारे में जानेंगे, जो हमें जीवन जीने की सही राह दिखाता है।
एक बार भगवान बुद्ध एक नगर के भ्रमण पर निकले। उनके नगर में आने से पूर्व ही कुछ लोगों ने आम लोगों के बीच यह बात फैला दी कि बुद्ध एक ढोंगी व्यक्ति है। ऐसे में जब भगवान बुद्ध उस नगर में पहुंचे तो वहां के लोग लगातार भगवान बुद्ध का अपमान करने लगे। वह उन्हें बुरा भला कह रहे थे। हालांकि भगवान बुद्ध पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
भगवान बुद्ध काफी समय तक शांति से लोगों की बुरी बातें सुनते रहे और फिर जब लोग चुप हो गए तो भगवान बुद्ध ने लोगों के सामने हाथ जोड़कर जाने की इजाजत मांगी। इस पर उन्हें बुरा भला कह रहे लोग चौंक गए। उनमें से एक ने कहा कि हम लगातार आपकी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन इसका आप पर कोई असर ही नहीं हो रहा है। हम आपकी तारीफ तो कर नहीं रहे हैं, लेकिन फिर भी आप इतना शांत कैसे हैं?
उस व्यक्ति की बात सुनकर भगवान बुद्ध ने समझाया कि आप चाहे मुझे कितना ही भला-बुरा कहे, लेकिन अगर मैं गलत नहीं हूँ तो मुझे आपकी बातों का बुरा नहीं लगना चाहिए। अगर मैं इन बातों पर ध्यान नहीं दूंगा और इन्हें अपने साथ नहीं ले जाऊंगा तो यह अपशब्द आपके पास ही रह जाएंगे। जैसे अगर कोई हमें कुछ चीज देता है, लेकिन हम उसे स्वीकार नहीं करते है तो वह चीज उस इंसान के पास ही रह जाती है। भगवान बुद्ध की बात सुनकर वहां मौजूद लोगों को अपनी गलती का अहसास हुआ।
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