14 फरवरी को मनाई जा रही है बसंत पंचमी।
बुद्धि और विद्या की देवी हैं मां सरस्वती।
24 घंटे में एक बार जुंबा पर होता है मां सरस्वती का वास।
सूर्योदय से पहले हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए।
Basant Panchmi 2024 : माता सरस्वती बुद्धि और विद्या की देवी हैं। वह शब्दों का माधुर्य और ज्ञान है। माना जाता है कि वीणा वादिनी सरस्वती ने ही सबसे पहले ब्रह्मांड में सुर भरे थे। यह भी कहते हैं कि सबसे पहले स शब्द की उत्पत्ति ही मां सरस्वती से हुई थी। इसलिए विश्व के सभी पक्षियों, नदियों और झरनों को स्वर मिला। हमने हमेशा अपने बड़े बुजुर्ग को कहते सुना है कि किसी भी इंसान को अपमानजनक और नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए क्योंकि क्या पता उस समय मां सरस्वती उनके मुंह पर विराजमान होती हैं और वह नकारात्मक बातें सच हो जाती हैं। इसलिए हमेशा सकारात्मक और अच्छा बोलना चाहिए, ताकि आपकी बात सच हो जाए। तो आइए जानते हैं दिन के किस समय जुबा पर होता है देवी सरस्वती का वास।
मान्यता है कि पूरे दिन यानी 24 घंटों में एक समय ऐसा आता है जब मां सरस्वती मां के दर्शन करती हैं। वह हर इंसान की जुबान पर विराजमान हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि इस समय के बाद व्यक्ति जो भी और जैसा भी शब्द बोलता है वह सत्य हो जाता है।
दिनभर में एक समय ऐसा होता है, जब हमें बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए। कब कौन सी बात गलती से मुंह से निकल जाए और सच हो जाए, पता नहीं। पुराणों के अनुसार रात 3:00 से 3:1:16 तक का 1 मिनट 16 सेकंड ऐसा समय होता है जब हर इंसान की जुबान पर स्वयं मां सरस्वती विराजमान होती हैं। इस समय व्यक्ति जैसा सोचता है, उसके सच होने की संभावना ज्यादा रहती है।
अब आप सोचेंगे कि इस समय तो कोई उठता नहीं है। न ही कोई एक दूसरे से बात करता है। तो इसका मतलब क्या हुआ? दरअसल, यह चरम समय है जब हमें किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार की अपमानजनक या नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए। लेकिन इसका असर सुबह तक रहता है इसलिए आपको सुबह यानी सूर्योदय से पहले और सूर्योदय के कुछ समय बाद तक किसी भी तरह के शब्द या नकारात्मक बातें करने की जरूरत नहीं है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।