भोपाल, मध्यप्रदेश। गजकेसरी योग में गुरुवार को अपरा एकादशी मनाई जाएगी। इस अवसर पर कई विशेष संयोग देखने को मिल रहे है। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि एकादशी का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। महाभारत की कथा में भी एकादशी व्रत के बारें में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गईं है। भगवान कृष्ण ने स्वंय युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी व्रत की महत्ता बताई थी। यह एकादशी व्रत जब ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष में आता है तो यह अपरा या अचला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा कर अराधना की जाती है।
एकादशी का विशेष संयोग :
जब भी एकादशी तिथि गुरुवार के दिन पड़ती है, तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। वहीं पंचांग के अनुसार इस बार गुरुवार को एकादशी की तिथि प्रात: 10 बजकर 55 मिनिट तक रहेगी।
भगवान विष्णु का प्रिय दिन है गुरुवार :
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से वे प्रसन्न होते है और विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मीन राशि पर होगा गजकेसरी योग :
गजकेसरी योग अत्यंत ही शुभ माना जाता है। गजकेसरी योग का निर्माण तब होता है जब गुरु और चंद्र की युति बनती है। 26 मई के एकादशी के दिन गुरु और चंद्र की युति बन रही है। जिसके चलते इस दिन मीन राशि में मंगल विराजित रहेगा। विशेष बात यह है कि मीन राशि के स्वामी भी गुरु ही है।
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