पतंग उड़ाने से पहले करें तैयारी।
सनग्लासेस और कैप पहनें।
त्वचा को धूप से बचाएगा सनस्क्रीन।
उंगलियों की चोट से बचाए फिंगर ग्लव्स।
Makar Sankranti : मकर संक्रांति का त्योहार आने वाला है। इस त्योहार को तिल गुड़ और पतंगबाजी के बिना अधूरा समझा जाता है। यही वजह है कि इस मौके पर ज्यादातर लोग अपने परिवार और दोस्ताें के संग पतंग उड़ाने का मजा लेते हैं। बच्चे हों या बूढ़े छतों पर पतंग उड़ाते और दूसराें की पतंग काटते नजर आते हैं। पतंगबाजी करने से न आपकी मानसिक सेहत में सुधार होता है, बल्कि ये व्यस्त दिनचर्या में लोगाें से मेलजोल बढ़ाने का शानदार तरीका भी है। अगर आप इस त्योहार पर पहली बार पतंग उड़ाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको पहले से कुछ चीजाें की तैयारी करनी होगी। ताकि पतंग उड़ाते वक्त आपको ज्यादा परेशान न होना पड़े।
पतंगबाजी करते समय सनग्लासेस जरूर अपने साथ रखें। हालांकि, कई लोग मानते हैं कि यह सब फैशन है, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, आकाश में देखते वक्त सूर्य की रोशनी सीधे आपकी आंखाें पर ना पड़े, इसका ध्यान रखना जरूरी है। धूप का चश्मा आपको इस चमक से बचाने का काम करता है। इसे पहनने से आपकी आंखें में धूल के कण भी नहीं जाते, जिससे आंखें सुरक्षित रहती हैं।
आरामदायक जूते एक और महत्वपूर्ण पहलू जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए। पतंग उड़ाने के दौरान आरामदायक जूते पहनना बहुत जरूरी हैं। आपके जूते जितने कंफर्टेबल होंगे, आप उतने ही आराम से पतंग उड़ाने का अनुभव प्राप्त कर पाएंगे। वास्तव में एक अच्छे जूते आपको न केवल फिसलने से बचाते हैं, बल्कि पैरों को जमीन पर किसी भी नुकीली चीज़ से बचाने में भी मदद करते हैं।
पतंगबाजी के दौरान सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। यह आपकी स्किन को सूर्य की रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाता है। चूंकि पतंग उड़ाते समय आप ज्यादा समय बाहर बिताते हैं, ऐसे में त्वचा धूप के संपर्क में आती ही है। जिन लोगों की स्किन सेंसिटिव होती है, उन्हें सनबर्न हो सकता है। ऐसे में सनस्क्रीन आपकी स्किन को हानिकारक यूवी किरणाें से बचाता है।
पतंगबाजी करने जा रहे हैं, तो कैप का उपयोग जरूर करें। यह आपके सिर और चेहरे को धूप से बचाती है। इससे आपके बाल भी खराब नहीं होते और बार-बार आंखों में भी नहीं जाते । कुल मिलाकर टोपी पहनने से आपकी आंखाें की रक्षा होती है साथ ही आपका ध्यान भी एक ही जगह केंद्रित रहता है।
कई लोग फिंगर ग्लव्स पहनने से बचते हैं, पर पतंगबाजी के दौरान यह एक जरूरी एलिमेंट है। पतंग की डोर से कई बार हाथ या उंगली कटने का खतरा बना रहता है। इससे त्वचा में जलन भी होती है। इस स्थिति से बचने के लिए ग्लव्स बहुत काम आते हैं।
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