पतंग उड़ाते समय लापरवाही न हों।
खुले मैदान में उड़ाएं पतंग।
पतंग के पीछे ना दौड़ें।
चाइनीज मांझे के बजाय सूती मांझे का प्रयोग करें।
Makar Sankranti 2024 : हर साल हम सभी काे मकर संक्रांति का इंतजार रहता है। इसे उत्तरायण नाम से भी जाना जाता है। उत्तरायण उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पतंग उड़ाना है। इस दिन लोग पूजा पाठ करने के साथ पतंग उड़ाने को लेकर खासा उत्साहित रहते हैं। बड़े हों या छोटे हर उम्र के लोग मांझा अपने हाथ में लेते हैं और आसमान तरह-तरह की रंग-बिरंगी पतंगों से सज जाता है। लेकिन कई बार पतंग उड़ाने के जोश में लापरवाह हो जाते हैं। जिससे राहगीर के अलावा पक्षियों को काफी नुकसान होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें पतंग उड़ाना बंद कर देना चाहिए, बस हमें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं पतंग उड़ाते समय कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए। साथ ही जानेंगे क्या करें, क्या नहीं।
पतंग उड़ाने के लिए बहुत ज्यादा स्पेस की जरूरत होती है। इसलिए खुली जगह जैसे मैदान, छत या पार्क में पतंग उड़ानी चाहिए।
पतंग की ऊंचाई को नियंत्रित करने में हवा एक प्रमुख भूमिका निभाती है। इसलिए, पतंग उड़ाने से पहले आपको हवा की सही दिशा को ध्यान में रखना चाहिए।
पतंग उड़ाते समय धूप का चश्मा जरूर पहनें। क्याेंकि सूरज की सीधी किरणें आंखों और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
उत्तरायण के दिन पतंग उड़ाने से पहले लोगों को स्थानीय हवाई सुरक्षा नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए।
लोगों को अनजाने में कटने से बचने के लिए पतंग की डोर को नियंत्रित करते समय दस्ताने पहनना जरूरी है।
लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों के ऊपर या आस पास पतंग नहीं उड़ाना चाहिए। इससे कुछ देर के लिए पतंग पर नियंत्रण खोना खतरनाक हो सकता है। कुछ पतंगें 80 मील प्रति घंटे की स्पीड से उड़ती हैं। इस गति से उड़ने वाली पतंगें आम जनता को काफी नुकसान पहुंचाती हैं।
चाइनीज मांझे का उपयोग बिल्कुल न करें। ये एनवायरमेंट फ्रेंडली नहीं होते। तेजी से हाथ कटने का डर रहता है। सूती मांझे का ही इस्तेमाल करें।
पतंग के पीछे न दौड़ने की सलाह दी जाती है। खासकर बच्चों और किशोरों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इससे दुर्घटना हो सकती हैं।
तूफान में या जब बारिश हो रही हो तब पतंग उड़ाने की सलाह नहीं दी जाती।
हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्रों में पतंग उड़ाने की अनुमति नहीं होती।
पतंग की डोर में बिजली पकड़ने की क्षमता ज्यादा होती है, इसलिए हाई वोल्टेज वाली बिजली लाइनों पर पतंग उड़ाने से बचना चाहिए।
लोगों को उलझी हुई पतंगों पर बड़ी चीजें फेंकने से बचें।
पतंग उड़ाने के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान पक्षियों को होता है, इसलिए सुबह 9 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद पतंग उड़ाने से बचें।
पतंग उड़ाने के लिए कुछ ग्लास कोटेड मांझा का उपयोग करते हैं, जिससे पतंग आसानी से कट जाती है। लेकिन खतरा डबल बढ़ जाता है। इसलिए ग्लास फ्री मांझे का ही इस्तेमाल करें।
पतंग उड़ाने के लिए छत के किनारों पर जाने से बचें।
फटी हुई पतंग की डंडियों को डस्टबिन में डाल दें, क्योंकि इसका तिनका आंखाें के लिए अच्छा नहीं है।
कटी पतंग लूटते समय अक्सर लोग आसमान की ओर देखते हैं, ऐसे में लोगों का पैर नीचे किसी सख्त चीज से टकरा जाता है। ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए।
पतंग उड़ाने के लिए तांबे के पतले तार का प्रयोग न करें, क्योंकि अगर यह किसी बिजली के खंभे या तार के संपर्क में आ जाए तो तेज झटका लग सकता है।
कुछ लोग मेटल के तार की मदद से रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाते हैं, जो बहुत खतरनाक है। बता दें कि रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरने वाले तारों में 25 हजार वोल्ट का करंट होता है और अगर झटका लगता है तो व्यक्ति की मौत हो सकती है।
यदि पतंग की डोर कहीं फंस जाए तो उसे जोर से न खींचे, क्योंकि इससे किसी और को खतरा हो सकता है।
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