राज एक्सप्रेस। इन दिनों देश भर में सबकी निगाहें श्रद्धा मर्डर केस की जांच पर टिकी हुई है। दिल्ली पुलिस इस केस को हल करने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है। हालांकि अब तक पुलिस के हाथ कई सबूत लग चुके हैं।अब उन्हें मर्डर के आरोपी आफताब के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति भी मिल चुकी है। आज हम आपको पॉलीग्राफ टेस्ट कैसे होता है? और इस पॉलीग्राफ टेस्ट से कैसे बचा जा सकता है? इस बारे में बताने वाले हैं।
पॉलीग्राफ टेस्ट कैसे होता है?
सबसे पहले तो आपको बता दें कि इस टेस्ट में व्यक्ति के हाव-भाव, पल्स रेट, हार्ट बीट, मेंटल एक्टिविटी आदि को देखा जाता है। इसके लिए व्यक्ति के शरीर पर डिवाइस को लगाया जाता है और उससे कुछ सवाल किए जाते हैं। अब व्यक्ति के जवाबों के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन एक चार्ट का निर्माण करती है। इस डाटा के आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।
कैसे इस टेस्ट से बचते हैं लोग?
कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या इस पॉलीग्राफ टेस्ट से बचा जा सकता है। तो हम आपको बता दें कि इस टेस्ट में अपराधियों के बचने की काफी संभावना होती है, क्योंकि जब यह टेस्ट चल रहा होता है तो शातिर लोग अपने हार्ट बीट के साथ ही अपने हावभाव पर भी नियंत्रण कर लेते हैं और झूठ बोलकर भी बच जाते हैं।
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