बर्फीले पानी से नहाना आइस बाथ थैरेपी है।
आइस बाथ लेने से सूजन कम हो सकती है।
मूड को बूस्ट करने के लिए फायदेमंद है आइस बाथ।
ठंडे पानी में कुल 5-15 मिनट रहने की अनुशंसा की जाती है।
राज एक्सप्रेस। आपने कई तरह की बाथ के बारे में सुना होगा। जैसे मड बाथ, वॉटर बाथ, सनबाथ, सोना बाथ। हालांकि, लोग इस तरह की बाथ को शौकिया तौर पर लेते हैं, लेकिन ये आपकी स्किन को ठीक करने से लेकर हार्ट को स्वस्थ रखती हैं। शारीरिक ही नहीं यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने का शानदार तरीका है। आज हम आपको एक अन्य तरह की बाथ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम सुनकर ही आप कपकपाने लगेंगे। हम बात कर रहे हैं आइस बाथ की। ये किम कार्दाशियान से लेकर ड्रेक और समांथा रुथ प्रभु जैसी सेलिब्रिटीज की भी फेवरेट है। हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने भी इंस्टाग्राम पर आइस बाथ करते हुए तस्वीर शेयर की है। इससे पहले रकुल प्रीत सिंह ने भी ऐसा किया था। आपने कभी सोचा है कि आखिर लोग बर्फ से भरे टब में बैठना क्यों चाहते हैं। इसके क्या फायदे होते हैं। तो आइए जानते हैं यहां।
आइस बाथ को क्रायोथेरेपी भी कहते हैं। इसमें लगभग 5 से 15 मिनट के लिए 10-15 डिग्री सेल्सियस तक ठंडे पानी में बैठना होता है। वर्कआउट के बाद हेल्थ बेनिफिट्स लेने के लिए एथलीट के बीच आइस बाथ काफी पॉपुलर है। लेकिन अब यह ट्रेंड सेलिब्रिटीज भी अपना रहे हैं।
आइस बाथ लेने से मसल्स की फौरन रिकवरी हो जाती है। इससे मांसपेशियों को बहुत रिलेक्स मिलता है। यही नहीं सूजन को कम करने के साथ ही मूड व ऊर्जा के स्तर में सुधार करती है। एक स्टडी में पाया गया कि सप्ताह में 4 दिन 20 मिनट तक बर्फ में नहाने से गठिया से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
जब आप बहुत ज्यादा गरम हो जाते हैं तो बर्फ में नहाने से आपको ठंडक मिलती है। एक स्टडी में पाया गया कि सिर्फ 10 मिनट से कम समय तक ठंडे पानी में भीगने से वर्कआउट के बाद शरीर का तापमान कम हो जाता है। पसीना बहाने के बाद ठंडक पाने से आपको हीट स्ट्रोक और गर्मी से होने वाली थकावट से बचने में मदद मिल सकती है।
आइस बाथ लेकर आप अपना तनाव कम कर सकते हैं। यह स्ट्रेस लेवल को दूर करने के तरीकों में से एक है। इससे अस्थाई रूप से तनाव से राहत मिल सकती है। लेकिन लंबे वक्त तक ठंडे पानी से नहाने के फायदों पर अभी भी रिसर्च चल रही है।
आइस बाथ आपको आराम करने और बेहतर नींद लेने में मदद कर सकती है। हैवी वर्कआउट के बाद इसे लेना ज्यादा फायदेमंद है।
शरीर में ऑक्सीजन की कमी से कई अंग प्रभावित होते हैं।ऐसे में आइस बाथ ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने का शानदार तरीका है।
तमाम फायदों के बाद अब सवाल यह उठता है कि क्या बर्फ में नहाना करना जोखिम भरा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बर्फ से नहाना आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन हर किसी के लिए इसे रेकमेंडेड नहीं किया जाता। क्योंकि इसके नकारात्मक और खतरनाक प्रभाव भी हो सकते हैं। आइस बाथ का सीधा संबंध इस बात से है कि ठंडा पानी ब्लड वेसेल्स को कैसे संकुचित करता है। भले ही आपको कोई स्वास्थ्य समस्या न हो, फिर भी आइस बाथ लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
घर में आइस बाथ लेने के लिए बाथटब , पानी, बर्फ और थर्मामीटर की जरूरत पड़ेगी। टब ऐसा होना चाहिए, जिसमें आप सुरक्षित रूप से अंदर और बाहर आ सकें। सबसे पहले, टब को ठंडे पानी (लगभग 60 डिग्री फ़ारेनहाइट) से भरें और अपने बर्फ का बैग पास में रखें। इसके बाद, टब में जाएं और फिर धीरे-धीरे बर्फ डालें, आप जितनी ठंडक सहन कर सकते हैं, बर्फ उतनी ही डालें। इसकी शुरुआत लगभग पांच मिनट तक भीगने से हो सकती है, लेकिन 15 मिनट से ज्यादा नहीं जाना चाहिए और ध्यान रखें कि पानी 53 डिग्री फ़ारेनहाइट या 11.6 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ठंडा न हो। अगर पानी बहुत ठंडा है, तो इससे स्किन को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाएगी। यही कारण है कि अंदर जाने के बाद थर्मामीटर का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।
बहुत ज्यादा ठंडे पानी में रहने से हाइपोथर्मिया हो सकता है।
किसी भी तरह के शाॅक से बचने के लिए इसका टाइम पीरियड 15 मिनट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
आइस बाथ लेते समय शरीर के अलग- अलग हिस्सों धीरे- धीरे डुबोने की सलाह दी जाती है।
आइस बाथ मांसपेशियों के दर्द से राहत तो दिलाती है, साथ ही यह आपके मूड को फ्रेश करने में भी फायदेमंद है। लेकिन ये पूरी तरह से मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य का इलाज नहीं है। इसलिए इसकी शुरुआत करने से पहले हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर ले लें।
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