सर्जरी के 6-8 सप्ताह के बाद नए रूप में वापस आ जाता है लिवर।
सर्जरी के बाद डोनर की लाइफ में होते हैं बदलाव।
डोनर को करनी चाहिए रेगुलर एक्सरसाइज।
महिला डोनर एक साल तक नहीं हो सकती गर्भवती।
राज एक्सप्रेस। बात अगर अंगदान की हो, तो आज भी लोग इतने जागरूक नहीं हैं। उन्हें लगता है कि शरीर का कोई भी अंगदान करने के बाद वह पहले जैसी जिन्दगी नहीं जी पाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। अगर लिवर की बात की जाए, तो यह शरीर का एकमात्र ऐसा अंग है, जो सर्जरी के 6-8 सप्ताह के बाद नए रूप में वापस आ जाता है। हालांकि, सर्जरी के बाद कुछ समय के लिए जिन्दगी बदल जाती है। कई चीजों पर पाबंदी लग जाती है, तो कुछ चीजाें को नए सिरे से अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना पड़ता है। अगर आप भी लिवर डोनेट करने जा रहे हैं, तो जानिए सर्जरी के बाद आपकी लाइफ में क्या बदलाव आने वाले हैं।
लिवर डोनर अस्पताल में सात दिन बिताता है। उसे पूरी तरह से ठीक होने में चार से आठ सप्ताह लग जाते हैं। अगर डोनर शहर से बाहर किसी अन्य शहर का है, तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद शहर में ही दो से तीन सप्ताह रहना होता है। क्योंकि तुरंत सफर करना इन लोगों के लिए बड़ा रिस्की है।
डोनेशन के बाद अब आप पहले जितने पॉवरफुल नहीं रहते। शरीर काफी कमजोर हो जाता है। सर्जरी के बाद, आपको कम से कम छह सप्ताह तक 20 पाउंड से ज्यादा वजन न उठाने की सलाह दी जाती है।
डोनर के लिए डॉक्टर के सख्त निर्देश होते हैं कि बेहोश करने वाली दवाएं लेते समय गाड़ी न चलाएं। इन दवाओं का उपयोग सर्जरी के कम से कम दो से तीन सप्ताह बाद किया जाता है।
लिवर डोनर को अगले 6 महीने तक गहरी सांस लेने और खांसने की एक्सरसाइज जारी रखनी पड़ती हैं। इसके अलावा पहले 12 हफ़्तों में रोजाना टहलने और एक्टिव रहने की सलाह दी जाती है।
लिवर डोनेट करने के बाद व्यक्ति को शराब और तंबाकू से परहेज करना चाहिए। लिवर को ठीक करने के लिए सर्जरी के बाद पूरे एक साल तक आप शराब नहीं पी सकते।
सर्जरी के बाद डोनर को दिनभर में खूब पानी पीना चाहिए। इससे लिवर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बहुत जल्दी बाहर निकल जाते हैं। ध्यान रखें कि पानी न बहुत ज्यादा ठंडा हो और न ही बहुत गर्म।
लिवर डोनर को सर्जरी के बाद पहले छह महीनों के दौरान किसी भी दवा या हर्बल उपचार से बचना चाहिए। ये लिवर के लिए जहर हो सकता है।
लिवर दान करने के बाद महिलाएं कम से कम 6 महीने या एक साल तक गर्भवती नहीं हो सकती। इससे आपके शरीर को ठीक होने के लिए जरूरी समय मिल जाता है। इतना ही नहीं अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स लेती हैं, तो इनसे भी परहेज करें। रिकवरी के दौरान यह आपके लिए ठीक नहीं है।
लिवर डोनर को किसी दवा की जरूरत नहीं होती है। पहले साल हर 3 महीने में एक बार रेगुलर ब्लड टेस्ट कराएं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड स्कैन की सलाह दी जाती है और उसके बाद अगले 2 सालों के लिए हर 6 महीने में एक बार ब्लड टेस्ट कराना चाहिए।
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