World Health Day : ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है’ इसलिए स्वस्थ रहना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। अगर हम स्वस्थ हैं तो फिर किसी भी परिस्थिति का सामना अच्छे से कर सकते हैं। हालांकि वर्तमान समय में लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 7 अप्रैल को World Health Day यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस का इतिहास :
दरअसल लोगों को बीमारियों से बचाने और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया के कई देशों ने मिलकर 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना की थी। इसकी स्थापना के 2 साल बाद यानि साल 1950 से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने लगा। इस बार विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम ‘हेल्थ फॉर ऑल’ है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस का महत्व :
WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की करीब 30 प्रतिशत आबादी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती हैं। करीब 200 करोड़ लोगों के पास अपने स्वास्थ्य पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं। इसके अलावा दुनिया के करीब 10 लोग अपने घरेलू बजट का 10 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करते हैं। इसके चलते उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने और उन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस एक महत्वपूर्ण कदम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करती है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है। वर्तमान में दुनिया के 194 देश विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्य :
विश्व स्वास्थ्य संगठन अपने सदस्य देशों में सरकारी स्वास्थ्य प्रशासन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों के साथ मिलकर लोगों को सेहतमंद बनाए रखने का काम करती है। यह संगठन स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर रखकर उसे सुलझाने का कार्य करता है। इसके अलावा स्वास्थ्य कार्यक्रमों और स्वास्थ्य को लेकर हो रहे शोध को भी बढ़ावा देता है। यह संगठन गरीब और कमजोर देशों तक मुफ्त दवाई भी पहुंचाता है। WHO कई देशों में टीकाकरण अभियान भी चलाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की उपलब्धियां :
साल 1967 में दुनिया के 31 देशों में 10 से 15 मिलियन लोग चेचक से प्रभावित थे। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन एड्स, टीबी, इबोला और कोरोना जैसी कई बीमारियों की रोकथाम के लिए भी कार्य कर रहा है। WHO ने मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के दिशा में ऐतिहासिक काम किए हैं। साथ ही किसी महामारी की स्थिति में WHO इससे प्रभावित देशों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी जारी करता है।
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