एंटीबायोटिक तभी लें, जब आपको इनकी जरूरत हो।
बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज में मदद करती है एंटीबायोटिक।
एंटीबायोटिक को बाद के लिए कभी न बचाएं।
एंटीबायोटिक का कोर्स अधूरा ना छोड़ें।
राज एक्सप्रेस। बीमार पड़ने पर आपने कई बार दवाओं के साथ एंटीबायोटिक भी ली होगी। आमतौर पर एंटीबायोटिक तीन दिन की होती है। कभी-कभी बीमारी के आधार पर 5 या 7 दिन की भी हो सकती है। डॉक्टर्स के अनुसार, इसका कोर्स पूरा करना जरूरी होता है। लेकिन ज्यादातर लोग जब तीसरे दिन अच्छा फील करने लगते हैं, तो एंटीबायोटिक लेना छोड़ देते हैं। पर क्या यह वास्तव में सही है। इससे पहले कि आप बेहतर महसूस करने के साथ इन्हें फेंक दे, यहां हम बता रहे हैं कि एंटीबायोटिक लेते समय आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं, क्यों पड़ती है एंटीबायोटिक की जरूरत।
क्या आप जानते हैं कि बुखार आने या कोई बीमारी होने पर सबसे पहले एंटीबायोटिक क्यों दी जाती हैं। भोपाल के इंपल्स मल्टीकेयर हॉस्पीटल के डायरेक्टर और जनरल फिजिशियन डॉ. आरीफ खान के अनुसार, शरीर में बैक्टीरियल इंफेक्शन से उबरने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं देना जरूरी होता है। एंटीबायोटिक शरीर के अंदर मौजूद बैक्टीरिया को मारने के काम आती है। इसके अलावा इनकी नई जनरेशन पैदा न हो सके, इसलिए भी एंटीबायोटिक दी जाती हैं।
अगर आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिखता है, तो वो आपको जरूर बताएगा कि इसे आपको कितने दिन तक और कितनी मात्रा में लेना है। डॉक्टर की सलाह को फॉलो करना जरूरी है, भले ही आप कितना भी अच्छा क्यों ना फील करने लगें। दरअसल, बीच में कोर्स छोड़ने से यह आपको बीमार करने वाले बैक्टीरिया को बेअसर कर देती है। अगर आप बीच में दवा लेना छोड़ देते हैं, तो कुछ बैक्टीरिया जीवित रह सकते हैं। इससे आगे इस बीमारी का इलाज करना भी मुश्किल हो जाता है।
90 प्रतिशत लोगों को एंटीबायोटिक को लेकर यह जानकारी नहीं होती। लेकिन इसे हर दिन लगभग एक ही समय पर लेना चाहिए। आपको भोजन से पहले एंटीबायोटिक लेनी है या भोजन के बाद आप तय कर लें, इससे आपको याद रहेगा कि आपको एंटीबायोटिक कब लेनी है।
एंटीबायोटिक लेने के दौरान आपको धूप से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एंटीबायोटिक्स में रोशनी के प्रति आपकी संवेदनशीलता को बढ़ाने की क्षमता होती है। इसलिए एंटीबायोटिक लेने के दौरान धूप में निकलना अवॉइड करें। खासकर दोपहर के समय।
मान लीजिए आप एंटीबायोटिक की खुराक लेना भूल जाते हैं, तो अगली बार दो खुराक साथ में लेने की भूल न करें। जैसे ही आपको याद आए इसे लें और जब तक आप कोर्स को पूरा न कर लें तब तक एक ही डोल लेते रहें।
दवा लेते समय शराब पीने से एंटीबायोटिक का प्रभाव कम हो जाता है। इसके अलावा, शराब पीने से आपकी नींद भी डिस्टर्ब हो सकती है, जिससे ट्रीटमेंट की प्रोसेस भी धीमी हो जाती है। आप इस बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं कि एंटीबायोटिक लेने के बाद दोबारा पीने से पहले आपको कितने समय तक इंतजार करना चाहिए।
आपने लोगों को कहते सुना होगा कि दवाओं को दूध के साथ लेने से ये रिएक्शन नहीं करतीं। लेकिन एंटीबायोटिक के साथ ऐसा नहीं है। गाइडलाइन के अनुसार, एंटीबायोटिक्स हमेशा पानी से लेनी चाहिए।
कई लोगों को एंटीबायोटिक दवाएं सूट नहीं होती। ऐसे में अगर आप भी इसके साइड इफेक्ट को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करने में झिझक महसूस न करें। एंटीबायोटिक दवाओं को लेने से कई बार मतली, उल्टी, दस्त, बुखार और फंगल संक्रमण की संभावना बनती है। अगर आपको इनमें से किसी भी साइड इफेक्ट का अनुभव हो रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात करें।
एंटीबायोटिक तभी लें, जब आपको इनकी जरूरत हो।
डॉक्टर द्वारा लिखी गई एंटीबायोटिक का ही उपयोग करें।
एंटीबायोटिक दूसरों के साथ शेयर न करें।
एंटीबायोटिक को बाद के लिए कभी न बचाएं।
हर बीमारी के लिए एंटीबायोटिक जरूरी नहीं होती, एंटी एलर्जिक दवाओं से भी बीमारी ठीक हो सकती है।
अगर दवा बची है, तो इसे डिस्कार्ड कर दें।
एंटीबायोटिक को तोड़कर नहीं लेना चाहिए, इनका असर कम हो जाता है।
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