होली के रंग में होते हैं केमिकल्स।
खुजली और जलन पैदा करते हैं ये रंग।
आंखों को पानी से धोएं।
मुंह के अंदर चला जाए रंग, तो करें पानी के गरारे।
राज एक्सप्रेस। होली का हुड़दंग शुरू होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। इस त्योहार पर लोग अलग-अलग रंगों से होली खेलते हैं। इन रंगों में मौजूद केमिकल त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। हम इन केमिकल वाले रंगों के उपयोग से बचने की कितनी भी कोशिश कर लें, त्योहार के दौरान हमारी त्वचा, बाल, मुंह और आंखें इनके संपर्क में आ ही जाते हैं। इन हानिकारक रंगों के त्वचा के जरिए शरीर, आंखों और मुंह में जाने की संभावना ज्यादा होती है। जिससे जलन और खुजली होती है। कई लोगों को इससे एलर्जी भी होती है। आपके साथ भी ऐसी स्थिति बनती है, तो परेशान न हों। यहां भोपाल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप शर्मा ने कुछ टिप्स शेयर किए हैं, जिनकी मदद से आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
अपनी आंखों से रंग हटाने के लिए इन्हें पानी से तब तक अच्छी तरह धोएं, जब तक आपको राहत न मिलने लगे।
अपनी आंखें न रगड़ें क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
आंखों को साफ करने के लिए बहुत ज्यादा गर्म और ठंडे पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे जलन बढ़ सकती है।
यदि आपको अभी भी लगता है कि आपकी आंखों में जलन और खुजली जरूरत से ज्यादा हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आप गलती से कोई केमिकल या होली का रंग निगल लेते हैं, तो तुरंत पानी से गरारे करके उसे धो लें। इससे रंग का कोई भी अंश या अंदर गया केमिकल बाहर निकल जाए।
कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ धो लें क्योंकि आपके हाथों पर लगा रंग भोजन को दूषित कर सकता है।
यदि आप इसके बाद बेचैनी और बीमार महसूस करते हैं तो डॉक्टर के पास जाएं।
अगर रंगों से खेलने के बाद आपकी त्वचा में खुजली या जलन महसूस होने लगे, तो उस क्षेत्र को सादे पानी से धो लें। जलन को कम करने के लिए त्वचा पर तेल या मॉइस्चराइजर लगा सकते हैं।
कुछ मामलों में, रंग या डाई में मौजूद केमिकल्स के त्वचा के संपर्क में आने से एलर्जी हो सकती है, जिसका इलाज केवल एंटी-एलर्जी दवा से ही किया जा सकता है।
अगर आपको गलती से कोई घाव हो जाए तो घाव को पानी से धोकर और थपथपाकर पोंछने के बाद साफ करने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग करना बेहतर है।
इंफेक्शन न हो जाए, इससे बचने के लिए घाव को कवर के लिए बैंड-एड का भी उपयोग करना अच्छा है।
डॉक्टर के अनुसार, अगर रंग कान और नाक में चला जाए, तो खुद से कोई उपाय नहीं करना चाहिए। ये अंग बेहद संवेदनशील होते हैं, इसलिए समस्या होने पर सीधे डॉक्टर के पास जाएं।
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