राज एक्सप्रेस। हाल ही में फ्रांस के वैज्ञानिकों के द्वारा रूस की एक झील में जमे हुए करीब 48,500 साल पुराने एक जॉम्बी वायरस को फिर से जीवित करने का दावा पेश किया गया है। बताया जा रहा है कि यह वायरस इंसानों के लिए एक नया खतरा बनकर उभर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु में तेजी से परिवर्तन हो रहा है और तेजी से प्राचीन पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है। जिसके चलते लगभग दो दर्जन से भी अधिक विषाणुओं के पुनर्जीवित होने के दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में चलिए जाते हैं इस जॉम्बी वायरस के बारे में।
क्या है जॉम्बी वायरस?
रिपोर्ट बताती हैं कि यह सबसे पुराना वायरस है जिसे पैंडोरा वायरस येडोमा के नाम से जाना जाता है। इस वायरस की उम्र 48,500 साल से भी अधिक बताई जा रही है। इसके पहले जो वायरस सामने आया था उसकी उम्र करीब 30,000 साल से भी ज्यादा आंकी गई थी। साइंटिस्ट्स का कहना है कि इतने पुराने वायरस के फिर से जिंदा हो जाने से इंसानों, जानवरों और पशुओं को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
फ़ैल सकता है संक्रमण :
इस बारे में रूस के साइबेरिया इलाके में साइंटिस्ट्स को जो नमूने मिले उनके अनुसार 13 रोगजनक वायरसों की विशेषता सामने आई है। इन वायरस को जॉम्बी वायरस नाम दिया गया है। साइंटिस्ट्स का मानना है कि हजारों साल बर्फ में रहने के बाद भी यह वायरस संक्रामक है, और सभी को संक्रमित कर सकता है।
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