नॉर्मल डिलीवरी के दौरान योनि का फटना पेरिनियल टियरिंग कहलाता है।
85 प्रतिशत पेरिनियल टियरिंग से जूझती हैं।
बच्चे का आकार और वजन है इसका कारण।
पेरिनियल मसाज से जोखिम कम हो सकता है।
Perineal Tear : हर मां बच्चे को जन्म देने के बाद खुश होती है। यह खुशी कई चुनौतियां भी साथ लेकर आती हैं, इनमें से एक है एक है पेरिनियल टियरिंग। इसे वैजाइनल टियर भी कहते हैं। कई स्टडीज से पता चलता है नॉर्मल डिलीवरी के दौरान बच्चे के जन्म के समय 85 प्रतिशत महिलाएं पेरिनियल टियर से पीड़ित होती हैं। इसे आम भाषा में चीरा लगना कहते हैं। कई महिलाओं में यह स्थिति जल्दी ठीक हो जाती है, जबकि कुछ को इससे रिकवर होने में बहुत समय लगता है। तो आइए जानते हैं क्या होता है पेरिनियल टीयर और इससे बचने के उपाय।
वजाइना के सामने के भाग से एनस तक के हिस्से को पेरिनियल कहते हैं। शिशु के जन्म के दौरान चोट, चीरा या स्टिच लगने की स्थिति को पेरिनियल टियर कहते हैं। इसे पेरिनियल लैकरेशन भी कहा जाता है। नॉर्मल डिलीवरी के दौरान, योनि की त्वचा पतली होकर डिलीवरी के लिए तैयार होती है। इस दौरान शरीर का यह हिस्सा खिंचता है, ताकि बच्चे का सिर आसानी से बाहर निकल सके। कई मामलों में डिलीवरी के बाद पेरिनियल टियर होना आम बात है। 85%- 90% तक बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की योनि में डिलीवरी के दौरान कुछ चीरे लग जाते हैं।
बच्चे के जन्म के बाद वजायना और पेरिनियम बहुत ज्यादा स्ट्रेच होता है। यह निर्भर करता है कि बेबी कितना स्ट्रेच करता है। ऐसा होना सामान्य है। आपके बच्चे का आकार या प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली स्थितियां पेरिनियल टियर का रिस्क बढ़ा सकती हैं।
अगर यह आपकी पहली डिलीवरी है।
डिलीवरी के दौरान शिशु का चेहरा नीचे की बजाय ऊपर की हो।
डिलीवरी के समय वैक्यूम का उपयोग किया जाए।
बच्चे का वजन 8 पाउंड से ज्यादा हो।
डिलीवरी के दौरान इस जोखिम को कम करने के लिए नियमित रूप से पेरिनियम मसाज करने की सलाह दी जाती है। इससे जन्म के दौरान पेरिनेम में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रेच ज्यादा होता है और दर्द कम । ऐसा आप गर्भावस्था के लगभग 34 सप्ताह के बाद और डिलीवरी के दौरान भी कर सकती हैं।
रोजाना ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। इससे बच्चे के जन्म के समय बहुत मदद मिलती है।
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करें। इससे पेल्विक हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और टियरिंग की संभावना कम हो जाती है।
ब्लड फ्लो और टिश्यू इलास्टिसिटी को बढ़ाने के लिए पेरिनेम पर गर्म सेक करें।
बाथरूम का उपयोग करने के बाद खुद को साफ करने के लिए पेरी-बॉटल का उपयोग कर सकते हैं।
आइस पैक लगाएं या सैनिटरी पैड पहनें ।
खूब पानी पीकर और मल सॉफ़्नर का उपयोग करके कब्ज से बचें।
डोनट तकिये पर बैठने का प्रयास करें।
डर्मोप्लास्ट® जैसे पेन रिलीफ सुन्न करने वाले स्प्रे का उपयोग करने से दर्द से राहत मिल सकती है।
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