गर्भवती होने के लिए आहार में पोषक तत्व होना जरूरी।
एग लाइफ बढ़ाता है फोलेट।
फर्टिलिटी में सुधार करने के लिए जाना जाता है ओमेगा-3 फैटी एसिड।
अंडों को नुकसान से बचाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट फायदेमंद।
राज एक्सप्रेस। किसी भी महिला के लिए गर्भधारण करना स्पेशल मोमेंट होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आती है। वैसे तो बेबी कंसीव न कर पाने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आपका खानपान भी इस पूरी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है। दरअसल, प्रजनन क्षमता और आहार के बीच गहरा संबंध है। एक पौष्टिक और संतुलित आहार महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सपोर्ट करने में मदद कर सकता है। अलग-अलग तरह के पोषक तत्वों के सेवन से न केवल गर्भधारण करने में आसानी होती है, बल्कि यह हेल्दी प्रेग्नेंसी की गारंटी भी देते हैं। अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो अपनी डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करने से आपकी बॉडी प्रेग्नेंसी के लिए रेडी हो सकती है। न्यूट्रिशनिस्ट रचना श्रीवास्तव से जानिए रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बनाए रखने वाले जरूरी पोषक तत्वों के बारे में।
फोलेट एक ऐसा न्यूट्रिएंट है, जो गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। यह एग की लाइफ बढ़ाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, गर्भधारण करने के लिए एग्स को सही न्यूट्रिशन मिलना जरूरी है। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स और फोर्टिफाइड अनाज का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा गर्भावस्था से पहले 400 एमसीजी फोलिक एसिड लेने से आपके बच्चे को जन्म दोषों से बचाने में मदद भी मिल सकती है।
महिलाओं में एनीमिया की समस्या आम है। शरीर में खून की कमी होने से गर्भधारण करने में परेशानी आती है। ऐसे में आयरन से भरपूर आहार लेने से फायदा हो सकता है। इससे ऑर्गन्स को पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक से होती है। एनीमिया से बचाव के लिए लीन मीट, बीन्स और पालक को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
ओमेगा-3 का संबंध विटामिन ई से है। विटामिन ई महिलाओं में फर्टिलिटी को इंप्रूव करने के लिए जाना जाता है। शरीर में विटामिन ई की कमी से अंडे ठीक से नहीं बन पाते , जिससे कंसीव करने में दिक्कत आती है। ऐसे में दवाओं के बजाय ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन शुरू कर देना चाहिए। इससे अंडे की क्वालिटी में सुधार होगा। फैटी फिश, अलसी और अखरोट ओमेगा-3 का बेहतरीन स्त्रोत है।
यहां एंटीऑक्सीडेंट का मतलब विटामिन सी और विटामिन ई से है। अंडों को नुकसान से बचाने के लिए विटामिन ई का सेवन जरूरी है। बता दें कि जामुन, खट्टे फल और मेवे में विटामिन सी और ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
हार्मोन प्रोडक्शन, एंजाइम प्रोडक्शन और मसल मास बढ़ाने के लिए महिलाओं को प्रोटीन की जरूरत होती है। यह पोषक तत्व पोल्ट्री, टोफू और बीन्स का सेवन करने पर आसानी से मिल जाता है।
कैल्शियम सीधे तौर पर फर्टिलिटी से जुड़ा है। ज्यादातर महिलाओं में कैल्शियम की कमी पाई जाती है। शरीर में इसकी कमी को पूरा करने के लिए डेयरी या फोर्टिफाइड प्लांट बेस्ड मिल्क, पत्तेदार सब्जी का सेवन सही विकल्प है। इन्हें अपने आहार में शामिल करने से बेबी कंसीव करने की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है।
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