मीठा करेला Raj Express
हेल्थ एंड फिटनेस

नाम पर ना जाएं, स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में सुपर से भी ऊपर है ये मीठा करेला

आज हम आपको पहाड़ाें की एक ऐसी सब्‍जी के बारे में बता रहे हैं, जो करेले की डुप्‍लीकेट है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण पहाड़ी लोग इसे अपने आहार में शामिल करते हैं।

Author : Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • उत्तराखंड में मिलता है मीठा करेला।

  • भगवान राम ने चखा था इसका स्‍वाद।

  • इसे रामकरेला भी कहते हैं।

  • डायबिटीज से लेकर वजन घटाने में है फायदेमंद।

राज एक्सप्रेस। स्‍वस्‍थ रहने के लिए डॉक्‍टर हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। इनमें एक नाम आता है केरले का। कई लोग इससे दूरी बनाए रखते हैं। इसके स्‍मेल और कड़वेपन के कारण लोगों को इससे नफरत होती है। इसलिए वे कभी भी इसे खाना नहीं चाहते। पर क्‍या आप मीठा करेला के बारे में जानते हैं। इस सब्‍जी से हम आज तक अनजान हैं। ये सब्‍जी कई सालों से अस्तित्‍व में है, लेकिन हमने इसके बारे में न तो कभी सुना और न ही देखा है। दिखने में यह सब्‍जी करेले की तरह होती है, लेकिन कड़वापन नहीं होता। तो आइए जानते हैं क्‍या है मीठा करेला और कैसे हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी है।

क्‍या है मीठा करेला

मीठा करेला को पहाड़ी करेला या फिर सिलेंथेरा पेडाटा कहते हैं। आमतौर पर यह करेला अमेरिका के दक्षिण में मेक्सिको और मध्य अमेरिका के पर्वतीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। लेकिन यह भारत में भी मिलता है। उत्तराखंड के पहाड़ों पर इसे बहुत उगाया जाता है। सर्दी के मौसम में आपको यहां मीठे करेले लगभग हर जगह बिकते दिख जाएंगे। करेले की इस प्रजाति को पहाड़ी वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है।

भगवान राम से है संबंध

मीठा करेला अब उत्‍तराखंड की पहचान बन गया है। इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि राम करेला, परमल, या कंकोडा। पड़ोसी देश नेपाल में इसे बड़ेला कहते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इसका सेवन किया था, तब से इसे रामकरेला भी कहा जाने लगा।

कैसे कर सकते हैं मीठा करेला का सेवन

उत्तराखंड के गढ़वाली लोग खाना पकाने से पहले इसकी त्वचा से नरम कांटों को या तो खुरच लेते हैं या यूं ही रहने देते हैं। कुछ साल पहले तक पहाड़ी करेला के काले बीजों को सर्दियों में लोग भूनकर खाते थे। तब से यह एक आम प्रथा बन गई है, जिसे लोग आज भी मानते हैं। इसलिए यहां पर कई जगह ये बीजों के बिना भी मिलता है। इसे पतला काटा जाता है और अक्टूबर शुरू होते ही धूप में सुखाने के लिए रख दिया जाता है, ताकि इसे सर्दियों के लिए स्‍टोर करके रखा जा सके। फिर सर्दियों में धूप में सुखाए गए इस पहाड़ी करेले को पानी में भिगोने के बाद मसालों के साथ पकाते हैं। यहां पर इसे रोटी या चावल के साथ खाया जाता है।

मीठा करेला के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

पोषक तत्‍वों से भरपूर है

मीठा करेला एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और इसमें करेले की तरह ही खून को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम,आयरन, सोडियम और पोटेशियम भी पाया जाता है। जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

ऑक्सीडेटिव स्‍ट्रेस को दूर करे

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण यह सब्‍जी शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है। बस इतना ही नहीं, बल्कि ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से भी आपको दूर रखती है।

डायबिटीज में फायदेमंद

यह सब्‍जी डायबिटीज वालों के लिए बहुत फायदेमंद है। असल में इस सब्जी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। जिस कारण यह ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल कर लेती है। इसके नियमित सेवन से इंसुलिन लेवल ठीक बना रहता है।

वजन घटाए

आप चाहें तो इस सब्जी की चटनी बनाकर भी खा सकते हैं। चूंकि राम करेला में फाइबर बहुत ज्‍यादा मात्रा में पाया जाता है और कैलोरी कम। इसलिए करेला जैसी दिखने वाली ये सब्‍जी वजन घटाने में बहुत कारगर है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT