काला नमक चावल भगवान बुद्ध का महाप्रसाद।
साधारण चावल की तुलना में 4-5 गुना महंगा होता है काला नमक चावल ।
डायबिटीज वाले भी खा सकते हैं इसे।
अल्जाइमर वालों के लिए बहुत फायदेमंद है ये।
राज एक्सप्रेस। चावल हम भारतीयों का मुख्य आहार है। कई घरों में तो चावल के बिना खाना ही पूरा नहीं होता। आमतौर पर हम सफेद चावल खाते हैं, जो स्वाद से भरपूर हैं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी। लेकिन क्या आप काला नमक चावल के बारे में जानते हैं। सुनने में शायद लग रहा हो कि यह काला नमक और चावल का मिश्रण है, लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में पाई जाने वाली चावल की 6000 किस्मों में से एक इस चावल के स्वाद और लाभों ने दुनिया को अपना दीवाना बना दिया है। अजीब बात है कि यह चावल अपने नाम की तरह काले रंग का है। देखकर शायद आपको खाने का मन भी न करे, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से देखें, तो इस प्रकार का चावल हेल्थ के मामले में सफेद चावल को भी फेल कर देता है। भारत से हर साल इसका निर्यात किया जा रहा है। इस चावल की पहुंच सिंगापुर, नेपाल, दुबई और जर्मनी तक है। तो आइए जानते हैं ऐसा क्या खास है इस चावल में और स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है ये।
काला नमक चावल उत्तर प्रदेश में काफी पसंद किया जाता है। यह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बहुत चर्चा में रहता है। इसे अलीदाबाद और हरियाणा के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है। यह साधारण सफेद चावल की तुलना में 4 से 5 गुना ज्यादा महंगा बिकता है। अपने स्वाद और सुगंध के दम पर यह पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर चुका है। इसका स्वाद ऐसा है कि ये अगर किसी के घर में पके, तो पूरे मोहल्ले में खुशूब उड़ जाती है। इन्हीं खासियतों के कारण इसका स्वाद अब विदेशियों के मुंह भी लग गया है।
इसे बद्ध चावल के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका इतिहास 600 साल पुराना है और इसे भगवान बुद्ध का महाप्रसाद भी कहते हैं। इसे यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की बुक स्पेशलाइज्ड राइज ऑफ द ग्लोब में भी शामिल किया गया है। यह मूलत: उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर का मूल निवासी है। सिद्धार्थनगर को इसके लिए जीआई टैग भी मिला है।
आजकल तो खुद डॉक्टर्स सफेद के बजाय काला नमक चावल खाने की सलाह दे रहे हैं। दरअसल, इसमें एंथोसायनिन होता है। इसे अपने आहार में शामिल करके कार्डियो वैस्कुलर डिजीज से बचा जा सकता है।
अल्जाइमर वालों के लिए काला नमक चावल बहुत असरदार माना गया है। इसमें जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं। ऐसे में जिन लोगों को जिंक और आयरन की कमी के कारण बीमारियां हो रही हैं, तो वे इस चावल का सेवन कर सकते हैं।
डायबिटीज वालों को चावल खाने की मनाही होती है। लेकिन यह चावल की ऐसी किस्म है, जिसे डायबिटीज वाले भी बड़े स्वाद से खा सकते हैं। दरअसल, हाई फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर देता है। इसके अलावा यह नेचुरली ग्लूटेन फ्री भी है।
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