भ्रूण का वजन एक स्वस्थ बच्चे का संकेत देता है।
गर्भावस्था के 9वें महीने में बच्चे का वजन हर हफ्ते 1/2 पाउंड बढ़ता है।
भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए अंडा फायदेमंद है।
शकरकंद और पालक भी बढ़ाता है बच्चे का वजन।
राज एक्सप्रेस। गर्भधारण के बाद हर मां एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना चाहती हैं। इसलिए उसे हर पल अपना और भ्रूण में पल रहे बच्चे का ख्याल रखना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का वजन एक स्वस्थ बच्चे का संकेत देता है। लेकिन अगर बच्चे का वजन कम है, तो यह चिंता की बात है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा गुप्ता बताती हैं कि गर्भावस्था की तीसरी तिमाही वह समय होता है, जब भ्रूण का वजन सबसे ज्यादा बढ़ता है। इस टाइम पीरियड में उसके फेफड़े पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं, बाल और नाखून भी बढ़ने लगते हैं।
अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार, गर्भावस्था के 9वें महीने के दौरान आपके बच्चे का वजन हर हफ्ते लगभग 1/2 पाउंड बढ़ता है। अगर ऐसा नहीं होता, तो एक मां को स्वस्थ आहार पर ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि मां का आहार बच्चे के लिए पोषण का प्राथमिक स्त्रोत है। इसलिए भोजन में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए, जो भ्रूण का वजन बढ़ा सके।
प्रेग्नेंसी में भ्रूण का कम वजन का मामला थोड़ा रिस्की होता है। ऐसे में डॉक्टर गर्भवती को अंडा खाने की सलाह देते हैं। अंडे में विटामिन ए, डी आयरन और फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में होता है। यह प्रोटीन का भी बेहतरीन स्त्रोत है। भ्रूण का वजन बढ़ाने में इसकी मुख्य भूमिका होती है। एक स्टडी के अनुसार, गर्भवती मां को हर दिन 90 से 100 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए सोयाबीन एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। यह प्रोटीन से भरपूर है और इसमें फाइबर, फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम,जिंक, मैंगनीज, आयरन और फास्फोरस भी काफी मात्रा में होता है। इन्हें अपने आहार का हिस्सा बनाएं। ये सभी भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए जरूरी हैं।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए गर्भवती को दाल का सेवन करना चाहिए। दाल, प्रोटीन का एक बेहतरीन स्त्रोत है। इतना ही नहीं इसमें फोलेट, मैंगनीज, फास्फोरस, आयरन और थायमिन जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद हैं। दाल की दो सर्विंग लेने से भ्रूण का वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
गर्भावस्था में भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए एक अन्य खाद्य पदार्थ है पालक । पालक कैल्शियम और फोलिक एसिड से भरपूर होता है। जहां कैल्शियम हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, वहीं फोलिक एसिड भ्रूण के मस्तिष्क का तेजी से विकास करता है। डॉक्टर्स मानते हैं कि प्रेग्नेंसी डाइट में हरी पत्तियां शिशु को जन्म संबंधी विकारों से बचाती हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान शकरकंद खाने से भ्रूण के वजन में वृद्धि होती है। शकरकंद बीटा-कैरोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है। एक बार निगलने के बाद, यह एंटीऑक्सीडेंट विटामिन ए में बदल जाता है। जो भ्रूण के टिश्यू और सेल डेवलपमेंट के लिए जरूरी माना गया है। इसमें फाइबर और विटामिन सी भी होता है , जो कब्ज से लड़ने के साथ ही मां की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
जब बात भ्रूण के स्वस्थ विकास की हो, तो विटामिन डी, विटामिन ए, कैल्शियम, फोलिक एसिड, आयरन और प्रोटीन पर ध्यान देना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान इनमें से कम से कम चार खाद्य पदार्थों को अपने डेली मेन्यू में शामिल करने से भ्रूण के कम वजन का खतरा कम हो जाएगा।
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