बरसात में बढ़ने लगा है फंगल इंफेक्‍शन का खतरा Syed Dabeer Hussain - RE
हेल्थ एंड फिटनेस

बरसात में बढ़ने लगा है फंगल इंफेक्‍शन का खतरा, जानिए इससे बचने के आसान उपाय

मानसून में फंगल इंफेक्‍शन को रोकना बेहद जरूरी है। वरना यह धीमी गति से शरीर में नमी वाली जगहों में फैलता जाता है। डर्मेटोलॉजिस्‍ट ने इंस्टाग्राम पर फंगल इंफेक्‍शन को रोकने के कुछ टिप्‍स शेयर किए हैं।

Santosh

राज एक्सप्रेस। बरसात के मौसम में कई संक्रामक बीमारियां हो जाती हैं। इस दौरान त्‍वचा से जुड़ी समस्‍याएं भी तेजी से बढ़ती है। भले ही आप खुद को कितना भी बचाने की कोशिश करें, लेकिन गंदे पानी के संपर्क में आ ही जाते हैं। इससे खुजली, शरीर पर दाने और फोड़े फुंसी की समस्‍या होती है। यह फंगल इंफेक्‍शन का मुख्‍य कारण है। बरसात में गीले कपड़े पहन रहने से, गंदे पानी के संपर्क में आने से, एक ही कपड़े को बिना धोए बार-बार पहनने से या नियमित रूप से न नहाने से फंगल इंफेक्शन हो जाता है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, फंगल ज्‍यादातर गर्म , गीली स्थितियों या बरसात से पैदा होने वाली नमी में पनपते हैं। इसके अलावा चीजों को शेयर करने से भी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। खासतौर से सोरायसिस या एक्जिमा जैसी स्किन डिजीज वाले लोगों के लिए ये मौसम बहुत खतरनाक है। वहीं डायबिटीज के रोगियाें में भी फंगल इन्फेक्शन के बढ़ने की संभावना होती है। डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ.आंचल पंथ ने इंस्टाग्राम पर फंगल इंफेक्‍शन को रोकने के कुछ तरीके बताए हैं। लेकिन इससे पहले जानते हैं कितने तरह के होते हैं फंगल इंफेक्‍शन।

एथलीट फुट

एथलीट फुट एक फंगल इंफेक्‍शन है, जो पैरों को प्रभावित करता है। इसे टीनिया पेडिया के नाम से जाना जाता है। यह संक्रमण पैरों की उंगलियों के बीच से शुरू होकर तेजी से पैर के नाखूनों तक फैल सकता है। लगातार खुजली होना, जलन, फफोले, पैरों का फटना, त्वचा का छिलना एथलीट फुट के मुख्‍य लक्षण हैं।

दाद

मानसून में ह्यूमिडिटी बढ़ने के कारण दाद का खतरा भी बढ़ता है। यह भी एक तरह का फंगल संक्रमण है, जो शरीर के एक हिस्‍से से दूसरे हिस्‍से में फैलता है। इसके कारण त्वचा पर गोल, पपड़ीदार धब्बे बन जाते हैं जिनमें लगातार खुजली होती रहती है। ये फंगल संक्रमण आमतौर पर त्वचा की सतह के नीचे नहीं फैलता, लेकिन ध्‍यान न देने पर गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

इंटरट्रिगो

इंटरट्रिगो अपने आप में संक्रमण नहीं है, बल्कि यह त्‍वचा पर सूजन वाली स्थिति है जो आमतौर पर तब बनती है, जब त्‍वचा गर्मी और नमी के संपर्क में आती है। जिन लोगों को अंतर्निहित बीमारी या दवा के कारण मोटापा या डायबिटीज है, उनमें इंटरट्रिगो होने की संभावना ज्‍यादा होती है। प्रभावित क्षेत्र में खुजली, चुभन और जलन इंटरट्रिगो के सामान्‍य लक्षण हैं।

यीस्‍ट इंफेक्‍शन

यीस्‍ट अक्‍सर गर्म और नम वातावरण में पनपता है। कैंडिडा के रूप में जाना जाने वाला यह संक्रमण आमतौर पर त्वचा की बाहरी परत पर होता है।

फंगल संक्रमण से बचाव के तरीके

नहाने के बाद शरीर को सुखाएं

इस मौसम में नहाने के बाद शरीर को गीला न छोड़ें। क्योंकि शरीर की परतों पर जमा पानी या नमी फंगल को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण देता है।

कॉटन के कपड़े पहने

अगर आपको हर बार फंगल इंफेक्‍शन होता है, तो डेनिम पहनने से बचें। बेहतर है कि बरसात के मौसम में आप ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें।

अंडर गारमेंट्स भी रोज धोएं

एक्‍सपर्ट के अनुसार अंडर गारमेंट्स की कई लेयर्स फंगल संक्रमण को बढ़ाती है। इन क्षेत्रों में नमी के फंसने से बचने के लिए अंडरगारमेंट़स को रोजाना प्रेस करें।

वर्कआउट के बाद कपड़े बदलें

वर्कआउट करने के बाद सबसे पहले कपड़े बदलना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपने कार्डियो एक्‍सरसाइज की है, तो वर्कआउट वाले कपड़े पहनकर न बैठें।

स्टेरॉयड क्रीम के यूज से बचें

फंगल इंफेक्‍शन होने पर भूलकर भी स्टेरॉयड क्रीम का उपयोग न करें। बल्कि इसके इलाज के लिए अच्‍छे डॉक्टर से सलाह लें।

तौलिये को रोज धोएं

बरसात के दिनों में कॉटन टॉवल का ही यूज करना चाहिए। हो सके तो इसे अच्‍छे से सुखाएं और हर दिन प्रेस भी करें। इससे टॉवेल में फंगल बढ़ने की संभावना कम हो जाती है।

फंगल संक्रमण को रोकने के लिए विशेषज्ञ अपने मोज़े नियमित रूप से बदलने, अपने पैरों को नियमित रूप से धोने, गीली जगहों पर नंगे पैर न चलने, तौलिया को शेयर न करने और त्वचा को साफ और सूखा रखने की सलाह देते हैं।

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