उल्टा चलने से ज्यादा ताकत, संतुलन और लचीलेपन सहित कई फायदे मिलते हैं।
समय की कमी से जूझ रहे लोग इसे अपने वर्कआउट रूटीन हिस्सा बनाएं।
रिवर्स वॉकिंग से शरीर का संतुलन बना रहता है।
सामान्य वॉक की तुलना में उल्टा वॉक करने से प्रति मिनट 40 प्रतिशत ज्यादा कैलोरी बर्न होती है।
राज एक्सप्रेस। फिट और हेल्दी रहने के लिए लोग वॉकिंग करते हैं। वॉक के दौरान वे अपने शरीर का वजन स्वयं उठाते हैं। इसी वजह से इसे वेट बियरिंग एक्सरसाइज भी कहा जाता है। बता दें कि नियमित रूप से पैदल चलने से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम होता है, वहीं हाई कोलेस्ट्रॉल, जोड़ों ,मांसपेशियों में दर्द की संभावना भी नहीं बनती। ये तो हुए सीधी दिशा में चलने के फायदे। पर क्या आपने कभी रिवर्स वॉकिंग की है। आम भाषा में इसे पीछे की तरफ या उल्टी दिशा में चलना कहते हैं। अगर आप सिंपल वॉकिंग से ऊब गए हैं, तो रिवर्स वॉकिंग कर सकते हैं। इससे न केवल पैरों की मांसपेशियां ताकतवर बनतीं हैं, बल्कि शरीर की स्थिरता बढ़ाने के लिए भी यह फायदेमंद है। बॉलीवुड एक्ट्रेस भाग्यश्री ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर रिवर्स वॉकिंग या बैकस्टेप वॉकिंग के तमाम फायदों के बारे में बताया है। तो आइए जानते हैं रिवर्स वॉकिंग से शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
भाग्यश्री ने बताया है कि सप्ताह में कम से कम तीन बार 10 मिनट तक उल्टा चलना जरूरी है। यह आपके घुटनों से तनाव दूर करने में मदद करता है। इसका मतलब है कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत मिलना। इसके अलावा आपके हैमस्ट्रिंग और क्वाड्स की मांसपेशियों को संतुलित करने के लिए यह एक अच्छी एक्सरसाइज है।
पिंडलियों की मांसपेशियों पर शायद ही कभी हमारा ध्यान जाता है। पिंडली यानी पैर के पीछे का हिस्सा। कई बार ज्यादा चलने से पिंडलियों में दर्द होता है। इसमें दर्द का कारण मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन आ जाना होता है। इससे बचने के लिए एड़ी की मांसपेशियों का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
यह आपको निचले शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। कई स्टडीज बताती हैं कि आगे की तरफ चलने की तुलना में पीछे की तरफ चलने से क्वाड्रिसेप्स की ताकत बेहतर होती है।
रिवर्स वॉकिंग से शरीर और दिमाग के बीच संतुलन बेहतर होता है। क्योंकि ऐसा करते समय आपका पूरा ध्यान अपने मूवमेंट पर होता है। जिससे शरीर का संतुलन बढ़ता है और दिमाग की एकाग्रता भी।
हर सुबह 10 से 20 मिनट तक रिवर्स वॉकिंग करने से दिल स्वस्थ रहता है। यह एक कार्डियो वर्कआउट है, जो स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है। जो लोग दिल से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित हैं, विशेषज्ञ उन्हें कुछ देर रिवर्स वॉक करने की सलाह देते हैं।
आगे चलने की तुलना में पीछे चलने से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। क्योंकि पीछे चलने में आपकी मांसपेशियों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक सीधे चलने की तुलना में उल्टा चलने से प्रति मिनट लगभग 40% अधिक कैलोरी बर्न होती है। यह आपकी इंटेसिटी बढ़ाने का एक शानदार तरीका है।
रिवर्स वॉकिंग शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत में भी सुधार के लिए जानी जाती है। इसे करने से न केवल माइंड एक जगह फोकस रहता है बल्कि सतर्कता भी बढ़ती है। इतना ही नहीं व्यस्त दिनचर्या में दिमाग में तनाव को जन्म देने वाली संवेदनाएं भी आसानी से नियंत्रित हो जाती हैं।
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