हाइलाइट्स-
- 3000 सालों से भारत में उगाया जा रहा है कोदो
- शुगर फ्री चावल के नाम से भी पॉपुलर है ये
- डायबिटीज , कैंसर जैसी बीमारियों का घरेलू इलाज है यह मोटा अनाज।
- कोदो नींद से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
राज एक्सप्रेस। हमारी लाइफस्टाइल जिस तरह से बदल गई है, उसमें स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए लोग रोज नए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में हेल्थ फ्रीक लोगों के बीच गेहूं और चावल की जगह मिलेट़स जैसे ज्वार, बाजरा, कुट्टू बहुत पॉपुलर हो गए हैं। लेकिन क्या आपने कभी कोदो के बारे में सुना है। Journal of Grain Processing and Storage में 2015 में प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक कोदो भारत में 3000 साल से उगाया जा रहा है। इसे कोदरा, बरगु, हरका, अरीकेलु नाम से भी जाना जाता है। अफसोस की बात है कि इतना प्राचीन होने के बाद भी इसके बारे में लोग नहीं जानते। यह ग्लूटेन फ्री है और पोषण के मामले में गेहूं और चावल से कई गुना बेहतर भी। इसी कारण भारत के अलावा अब विदेशों में भी इसकी डिमांड बढ़ गई है। हालांकि, यह अन्य मिलेट़स की तरह सस्ता नहीं है, लेकिन यह बाजरा जैसा दिखता जरूर है। इंडियन मार्केट में इसकी प्राइस 200-300 रुपए किलो है। यह सुपर फूड आपकी कई लाइफस्टाइल डिजीज का पक्का घरेलू इलाज है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो कोदो के बारे में पहली बार सुन रहे हैं, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि क्यों कोदो को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
भारत में कोदो महाराष्ट्र, तमिलनाडु , मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में उगाया जाता है। कई जगहाें पर इसे शुगर फ्री चावल के नाम से भी जानते हैं। बात अगर पोषण की करें, तो यह ग्लूटेन फ्री है। इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इतना ही नहीं कोदो में बी6, फोलिक एसिड के साथ-साथ कैल्शियम, नियासिन, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे मिनरल्स भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसे पचाना बेहद आसान है और नवर्स सिस्टम के लिए यह बहुत इफेक्टिव है।
डायबिटीज वालों के लिए कोदो एक वरदान साबित हुआ है। इसे डायबिटीज को रिवर्स करने के लिए जाना जाता है। इसमें एंटीडायबिटिक कंपाउंड पाए जाते हैं और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 42 है, जो गेहूं और चावल की तुलना में बहुत कम है। अगर डायबिटीज के रोगी एक दिन गेहूं और चावल की जगह कोदो का सेवन कर लें, तो उन्हें पोषण तो मिलेगा ही , साथ ही ग्लूकोज लेवल में भी कमी आएगी।
आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए कोदो को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके सेवन से ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी आती है। दिल की बीमारियों से जूझ रहा व्यक्ति अगर कोदो का नियमित रूप से सेवन करे, तो ब्लड प्रेशर को नॉर्मल होने में देरी नहीं लगती।
कोदो मिलेट में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, इसलिए कैंसर के रोगियों की डाइट में इसे शामिल किया जाता है। इसके अलावा कोदो का सेवन ब्लड कैंसर, थायराइड और लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों में भी फायदेमंद है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि कोदो एक बेहतरीन ब्लड प्यूरीफायर है। एनीमिया से जूझ रहे लोगाें के लिए यह बहुत अच्छा घरेलू उपचार है। बता दें कि जब शरीर में खून की कमी होती है, तो व्यक्ति हर वक्त कमजोरी और थकान महसूस करता है। इसके सेवन से ब्लड में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और शरीर में पहले जैसी ताकत वापस आ जाती है।
जिन महिलाओं को पीरियड बंद होने लगते हैं, उन्हें कोदो खाने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसमें से मौजूद सभी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स महिलाओं के लिए काफी हेल्दी होते हैं। इसके सेवन से वह एक हेल्दी लाइफस्टाइल एन्जॉय कर सकती हैं।
इंसोमनिया से परेशान लोगों को पहली फुर्सत में इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इन लोगों के लिए यह दवा के रूप में काम करता है। दरअसल, इसमें कुछ ऐसे गुण हैं, जो आपके नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसके सेवन से न केवल व्यक्ति को अच्छी नींद आती है बल्कि उसकी नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
कोदो का उपयोग आप इडली, डोसा, ढोकला, दलिया, पुलाव बनाने के लिए भी कर सकते हैं। हालांकि, यह भी एक तरह का हर्बल सप्लीमेंट है। अलग-अलग बीमारियों के आधार पर इसके सेवन की मात्रा अलग-अलग होती है। इसलिए उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
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