गरबा डांडिया फुल बॉडी वर्कआउट है।
वर्कआउट के दौरान बढ़ जाते हैं कार्डियक अरेस्ट के चांसेस।
हाइपरटेंशन वाले लोग न खेलें गरबा।
गरबा खेलने से पहले कराएं स्ट्रेस इको टेस्ट।
राज एक्सप्रेस। नवरात्रि के दिनों में जगह-जगह गरबा महोत्सव चल रहे हैं। अगर आप भी गरबा खेलने जाने की सोच रहे हैं, तो अपने दिल का ख्याल रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ सालों में गरबा करते समय हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं। वहीं आज से कुछ दिनों पहले जूनागढ़ में गरबा की प्रैक्टिस कर रहे 24 साल के युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अहमदाबाद चैप्टर ने कहा है कि 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के जिन लोगों के घर में हार्ट डिजीज का इतिहास है या फिर जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है, उन्हें कार्यक्रम में हिस्सा लने से पहले एक बार चैकअप जरूर करा लेना चाहिए।
दरअसल, गरबा एक हाई इंटेसिटी वाला वर्कआउट है। इसे करने के दौरान ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मांग बढ़ जाती है, जिन्हें पूरा करने के लिए हार्ट रेट के साथ ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। नतीजा धड़कन रुक जाती है।
AMA (Ahmedabad Medical Association) ने गाइडलाइन तैयार की है, जिसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग से पीड़ित है, तो उसे कार्डियक अरेस्ट का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में इन लोगों को गरबा खेलने से बचना चाहिए।
अहमदाबाद मेडिकल असोसिएशन के अनुसार, गरबा करते समय केला या नारियल जैसे पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करते रहें। गरबा करने के दौरान चक्कर या सीने में भारीपन महसूस हो, तो तुरंत इसे करना बंद कर दें । गरबा कई घंटों का होता है, इसलिए ऐसी स्थितियों से बचने के लिए खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है।
अगर आप आखिरी एक या दो दिन में गरबा खेलने जा रहे हैं, तो भरपूर नींद लेना शुरू कर दें। पिछले कई दिनों में लोगों ने ज्यादातर वक्त घर के बाहर गरबा प्रैक्टिस में बिताया है। जिससे जंक फूड का सेवन भी जरूर बढ़ा होगा। इस तरह के फूड आइटम स्लीपिंग साइकिल को डिस्टर्ब कर देते हैं। इसलिए जंक फूड का सेवन कम करें और भरपूर नींद लें।
बहुत ज्यादा स्पीड में और लगातार गरबा करने से हेल्थ रिस्क बढ़ सकता है। गाइडलाइन के अनुसार, ज्यादा गरबा करने से पानी, नमक और मिनरल की कमी हो सकती है। इसके अलावा ब्ल प्रेशर , पल्स और शुगर लेवल में भी उतार-चढ़ाव की आशंकी बनी रहती है। ये सभी स्थितियां गरबा डांडिया कर रहे लोगों में कार्डियक अरेस्ट की संभावना को बढाती हैं।
डॉक्टर्स कोई भी हैवी वर्कआउट या एक्टिविटी करने से पहले इको और स्ट्रेस इको टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। बता दें कि स्ट्रेस इको टेस्ट को स्ट्रेस इकोकार्डियोग्राम के रूप में भी जाना जाता है। यह एक नॉन-इनवेसिव डायग्नोस्टिक टेस्ट है। इससे यह पता चलता है कि आपका दिल ज्यादा तनाव में कितनी अच्छी तरह से काम कर सकता है।
फिजिकल लिमिट के बारे में जानें।
थकान, सांस फूलना, चक्कर आना या अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
गरबा से पहले और बाद में खूब पानी पिएं।
सांस फूलने या थकान होने पर ब्रेक लें।
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