राज एक्सप्रेस। अक्सर ही लोग जाने-अनजाने में पहचान के संकट से घिर जाते हैं। यह एक ऐसा सवाल है जो सदियों से लोगों के दिमाग पर अपना असर छोड़ता जा रहा है। जिसके चलते लोग खुद से ही एक लड़ाई लड़ते रहते हैं जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से कमजोर बनाती है। इसके अंतर्गत व्यक्ति के अंदर निराशा की भावना पैदा हो जाती है, और साथ ही उसकी प्रगति पर भी इसका असर होता है। व्यक्ति स्वयं के शारीरिक विकास, स्वयं के बारे में और दूसरे उनके बारे में क्या सोचते हैं? इन विचारों के बीच में उलझता चला जाता है। चौंकाने वाली बात है कि आज के समय में यह क्राइसिस बेहद आम हो चुका है। तो चलिए जानते हैं आइडेंटिटी क्राइसिस के बारे में विस्तार से।
क्या है पहचान का संकट या आइडेंटिटी क्राइसिस?
जब किसी व्यक्ति के अंदर खुद की पहचान की भावना असुरक्षित और अस्थिर होने लगती है, तब आइडेंटिटी क्राइसिस का जन्म होता है। यह एक ऐसा संकट है जिसके चलते व्यक्ति के जीवन में अनिश्चितता या भ्रम की स्थिति पैदा होने लगती है। वह खुद की पहचान पर संकट देखता और उसके मन में अपने जीवन और करियर को लेकर कई सवाल पैदा होने लग जाते हैं। आइडेंटिटी क्राइसिस के कई कारण जैसे बिज़नेस लॉस, नौकरी जाना, एक्सीडेंट आदि हो सकते हैं, और यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
बढ़ रहे हैं आइडेंटिटी क्राइसिस के मामले :
आज के समय में जहाँ एक तरफ लगातार आगे बढ़ने की बातें हो रही हैं तो वहीं खासकर युवाओं में अपनी खुद की पहचान बनाने की जिज्ञासा भी बढ़ री है। ऐसे में वे काफी कम उम्र में किसी नई फिल्म में अपना करियर बनाना शुरू कर देते हैं। लेकिन कुछ समय बाद वे उस फील्ड में खुद को खुश नही पाते तो खुद की पहचान ढूँढने लगते हैं।
कैसे बचें इस क्राइसिस से?
सबसे पहले तो हर किसी को जरुरी है कि वह खुद की पहचान को ठीक तरीके से समझे। क्योंकि इस दुनिया में केवल अच्छा करियर बनाना ही पहचान कायम करना नहीं है। इसके लिए आपका व्यक्तित्व भी अच्छा होना बेहद जरुरी है। इसके लिए आपको खुद पर ध्यान देखा और सकारात्मक माहौल में रहना जरुरी है। इससे आपकी छवि में सुधार होता है और आप बेहतर इंसान बनने की ओर अग्रसर होते हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।