International Yoga Day : स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग करना जरूरी है। यह एक प्राचीन परंपरा है, जो हमारे शरीर व मन को स्वस्थ और सेहतमंद बनाती हे। आज जहां लोगों को व्यस्त दिनचर्या के कारण काम और लाइफ के बीच संतुलन बनाने में दिक्कत हो रही है, वहां योग लाखों करोड़ों लागों की जिन्दगी का जरूरी हिस्सा बन गया है। इसकी लोकप्रियता भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बढ़ती जा रही है। लेकिन योग से जुड़े कई ऐसे मिथक समाज में फैला दिए गए हैं, जिसके चलते लोग इसका लाभ उठाने से डर रहे हैं। कही सुनी बातों पर यकीन कर कुछ लोग योग करने से ही कतरा रहे हैं। आज इंटरनेशनल योगा डे के मौके पर हम आपको योग से जुड़े ऐसे 5 मिथकों के बारे में बता रहे हैं। हमने भोपाल के समग्र योग क्लासेस के योग एक्सपर्ट डॉ.देवेन्द्र शर्मा से बात की। उन्होंने इन मिथकों का खंडन किया है और हमें तथ्य बताए हैं। तो जानते हैं योग से जुड़े मिथक और तथ्यों के बारे में।
कई लोगों के मन में यह भ्रम बैठ गया है, कि योग करने के लिए उनकी बॉडी फ्लैक्सिबल यानी लचीली होनी चाहिए। विशेषज्ञ कहते हैं कि कुछ छोटे छोटे आसन करने से दो से तीन महीने में शरीर के लचीलेपन में स्वत: ही सुधार होता है। योग एक कला है, जो उन लोगों की भी मदद करता जिन्होंने अपने जीवन में कभी योग नहीं किया।
योग का लिंग, धर्म और जाति से कोई संबंध नहीं है। योग तो भगवान शिव और माता पार्वती ने भी किया है। योग के साइंटिफिक इफेक्ट चाहे वह फिजिकल हो या मेंटल महिला और पुरुष सब के लिए समान होते हैं। आज ज्यादातर योग गुरु पुरुष हैं। इसलिए इस मानसिकता को बदलना जरूरी है।
बता दें कि गर्भवती महिलाओं के लिए तो योग क्रिया बहुत फायदेमंद है। योग करने से बच्चा स्वस्थ और गुणवान होता है। गर्भवती महिलाओं को . नाड़ी शुद्धि प्राणायाम करना चाहिए। इससे ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है, जिससे बच्चे का विकास अच्छे से होता है। हां, 3 महीने बाद जिन आसान में पेट पर दबाव पड़ता है, उसे करने से बचना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक गर्भवती महिला को योग करने से पहले किसी योग गुरु की मदद जरूर लेनी चाहिए।
इसी भ्रम के कारण आधे से ज्यादा लोग योग करने से बचते हें। लेकिन बता दें कि योग करने के लिए आपको बहुत ज्यादा समय देने की जरूरत नहीं होती। योग की ऐसी बहुत सी क्रियाएं हैं, जिन्हें करने के लिए मात्र 5 मिनट काफी हैं। यह सही है कि लंबे योग सेशन ज्यादा लाभ देते हैं, लेकिन छोटे सेशन भी मूड को बढ़ावा देने के साथ तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
लोगों की ये सोच सरासर गलत है। इसके 100 प्रतिशत साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। एक योगा टीचर के गाइडेंस में योग करने से वह आपके फेस एक्सप्रेशन, ब्रीदिंग और पॉश्चर पर ध्यान देगा। लेकिन इंटरनेट से योग सीखने पर आप खुद इन चीजों पर ध्यान नहीं दे पाते। यह सरल लग सकता है, लेकिन ज्यादा लाभ के लिए योग गुरु या किसी अच्छे योगा इंस्ट्रक्टर की मदद लेनी चाहिए।
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