हाई क्रिएटिनिन लेवल से बढ़ता है किडनी डिजीज का खतरा।
बार-बार पेशाब आना क्रिएटिनिन लेवल बढ़ने का संकेत।
ज्यादा फाइबर और कम प्रोटीन का सेवन करें।
हैवी वर्कआउट करने से बचें।
राज एक्सप्रेस। किडनी की बीमारी के साथ जीवन बिताना बहुत दर्दनाक होता है। एक बार यह बीमारी हो जाए, तो इसे मैनेज करना भी मुश्किल है। किडनी डिजीज वाला मरीज न तो हाई प्रोटीन फूड खा सकता है और न ही जरूरत से ज्यादा मात्रा में पानी पी सकता है। यहां तक की कुछ तरह के फलाें से परहेज करने की सलाह भी इन्हें दी जाती है। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति का किडनी का इलाज तब होता है, जब बॉडी में क्रिएटिनिन लेवल बढ़ जाए। इलाज के जरिए इसे कम करने का प्रयास किया जाता है। हाई क्रिएटिनिन लेवल बताता है कि आपकी किडनी सही से काम नहीं कर रही। आम व्यक्ति में बेकाबू क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह जीवन के लिए घातक हो सकता है। अगर आपका भी क्रिएटिनिन लेवल हाई हो गया है, तो जीवनशैली में कुछ बदलाव इसे कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
क्रिएटिनिन शरीर में मौजूद केमिकल वेस्ट प्रोडक्ट होता है। किडनी क्रिएटिनिन को खून से फिल्टर कर यूरीन ब्लैडर में डालती है। पेशाब के जरिए यह केमिकल वेस्ट बाहर निकल जाता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती, तो क्रिएटिनिन वहीं जमा होने लगता है, जिससे शरीर में क्रिएटिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो किडनी रोग का भी संकेत हो सकता है। इसके बढ़ने के भी कई कारण हैं, लेकिन ज्यादा एक्सरसाइज करना और प्रोटीन का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ती है। इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है।
बार-बार यूटीआई होना।
भूख न लगना और मतली होना।
शरीर में खुजली होना।
पैरों में सूजन आना।
बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना।
क्रिएटिनिन लेवल को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है प्रोटीन का कम सेवन करना। बहुत ज्यादा प्रोटीन खासतौर से एनिमल प्रोटीन और प्रोसेस्ड मीट खाने से किडनी को क्रिएटिनिन बाहर निकालने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए एनिमल प्रोटीन के बजाय प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। साथ ही डाइट में मसूर की दाल, टोफू, फलियां और सब्जियों का सेवन बढ़ाने से भी क्रिएटिनिन की मात्रा संतुलित हो जाएगी। खराब किडनी फंक्शन वाले लोगों को अपने डेली प्रोटीन का सेवन 45 ग्राम तक सीमित करना चाहिए, जबकि मध्यम किडनी फंक्शन वाले लोग हर दिन 60 ग्राम तक प्रोटीन ले सकते हैं।
यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में नवंबर 2014 की समीक्षा के अनुसार,फाइबर से भरपूर आहार क्रिएटिनिन लेवल को कम करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइबर किडनी तक पहुंचने से पहले क्रिएटिनिन को तोड़ने में मदद कर सकता है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, क्रिएटिनिन कम करने के लिए जामुन, नाशपाती, सेब आलू, गाजर , मटर , साबुत अनाज, ब्राउन, चावल, दलिया , मेवे और बीज साबुत अनाज जैसे साबुत अनाज की ब्रेड, ब्राउन चावल को अपने आहार में शामिल करना जरूरी है।
पानी पीने से क्रिएटिनिन कम हो सकता है क्योंकि पानी आपकी किडनी को आपके खून में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ को फ़िल्टर करने में मदद करता है। इसीलिए क्रोनिक किडनी डिजीज और हाई क्रिएटिनिन लेवल वाले लोगों के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। बता दें कि जो लोग ज्यादा वर्कआउट करते हैं, उनमें क्रिएटिनिन का प्रोडक्शन ज्यादा होता है , इसलिए उन्हें दूसरों की तुलना में ज्यादा हाइड्रेट रहने की जरूरत होती है।
ज्यादा नमक हाई क्रिएटिनिन लेवल वालाें के लिए जहर है। इस स्थिति में सबसे पहले प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाने के लिए मना किया जाता है। क्योंकि इन फूड्स में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। भोजन में स्वाद जोड़ने के लिए नमक का नहीं बल्कि प्राकृतिक मसालों और जड़ी बूटियों का सेवन करें। इससे क्रिएटिनिन लेवल बैलेंस करना आसान हो जाता है।
आम तौर पर, क्रोनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे लोगाें को अपनी किडनी की कार्यप्रणाली को संतुलित रखने के लिए लाइट एक्सरसाइज पर ही फोकस करना चाहिए। चलना, योग, लंबी पैदल यात्रा, एरोबिक्स, घर के अंदर साइकिल चलाना जैसी एक्सरसाइज क्रिएटिनिन लेवल को कम कर सकती हैं।
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