भोजन में बैक्टीरिया और वायरस फूड पॉइजनिंग का कारण।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक होते हैं।
छीलने से पहले सब्जियां न धोना गंभीर बीमारी की वजह।
फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए भोजन को चखे या सूंघे नहीं।
राज एक्सप्रेस। हम सभी अपने बच्चों और परिवार को स्वस्थ और सुरक्षित रखना चाहते हैं। अगर आप किचन में खाना बनाती हैं, तो फूड सेफ्टी का बहुत ध्यान रखना चाहिए। कभी-कभी जल्दबाजी में सावधानी न बरतने पर भोजन वायरस और बैक्टीरिया से दूषित हो जाता है। ऐसे भोजन का सेवन फूड पॉइजनिंग का कारण बनता है।
WHO के अनुसार, फूड सेफ्टी चिंता का विषय है। यह न केवल 200 अलग-अलग प्रकार की बीमारियों के लिए जिम्मेदार है, बल्कि इससे कुपोषण भी हो सकता है। भले ही आपको लगता है कि आप फूड सेफ्टी को बहुत गंभीरता से लेती हैं, फिर भी कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो आप कर रही हैं। इन गलतियों को पहचानना और इनमें सुधार करना बहुत जरूरी है। यहां उन 5 गलतियों के बारे में बताया गया है, जो फूड पॉइजनिंग के लिए जिम्मेदार हैं। साथ में जानिए इनका समाधान भी।
फूड पॉइजनिंग हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन में बैक्टीरिया और वायरस के प्रवेश के कारण होती है। यह स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे बैक्टीरिया के कारण भी हो सकता है। फूड पॉइजनिंग को फूड बोर्न डिजीज भी कहा जाता है। ज्यादातर फूड बोर्न डिजीज गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल होती हैं, जिसका मतलब है कि वे पाचन तंत्र में लक्षण पैदा करती हैं।
अगर आप खराब होने वाले खाद्य पदार्थों जैसे मांस, चिकन, टर्की, सी फूड, अंडे, कटे हुए फल, पके हुए चावल और बचे हुए भोजन को 2 घंटे या इससे ज्यादा समय तक रेफ्रिजरेटर से बाहर रखते हैं, तो उनमें हानिकारक रोगाणु पनप सकते हैं।
बेहतर है कि खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को 2 घंटे के भीतर फ्रिज में रख दें।
फल और सब्जियों को धोए बिना छील और काट लेना सबसे बड़ी गलती है। दरअसल, फलों और सब्जियों के छिलके या त्वचा पर कीटाणु हो सकते हैं। जब आप फलों और सब्जियों को काटते या छीलते हैं , तो न दिखने वाले कीटाणु आसानी से इनके अंदर पहुंच जाते हैं।
छीलने, काटने से पहले सभी फलों और सब्जियों को पानी के नीचे धोएं। खरबूजे, एवोकाडो और खीरे जैसे फलों और सब्जियों को साफ करने के लिए एक साफ़ सब्जी ब्रश का उपयोग करें।
कुछ लोग पके हुए मीट को उसी प्लेट में रख देते हैं, जिसमें कच्चा मीट रखा था। बता दें कि कच्चे मीट के रोगाणु पके हुए मीट में आसानी से पहुंच सकते हैं और व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग का शिकार बना सकते हैं।
कच्चे मांस और पके हुए मांस के लिए हमेशा अलग-अलग प्लेटों का उपयोग करें। यही नियम चिकन, टर्की और सी-फूड पर भी लागू होता है।
कई लोग यह चैक करने के लिए कि भोजन अभी अच्छा है या नहीं, इसे चखते या सूंघते हैं। लेकिन बता दें कि आप भोजन को जहर बनाने वाले बैक्टीरिया का न तो स्वाद पता लगा सकते हैं और न ही इनकी गंध से आपको कुछ समझ में आने वाला है। लेकिन इसे थोड़ी मात्रा में चखने से आप बहुत बीमार जरूर हो सकते हैं।
इसके लिए आप स्टोरेज टाइम चार्ट का उपयोग कर सकते हैं। इससे यह देखने में मदद मिलेगी कि कितने समय तक भोजन को सुरक्षित रख सकते हैं। जब टाइम ज्यादा हो जाए, तो इसे फेंक देना ही बेहतर होता है।
आमतौर पर हम सभी ऐसा करते हैं। भोजन को फेंकने पर इसका अपमान न हो, इसलिए चार दिन का बचा हुआ भोजन गर्म करके खाते हैं। लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। खासतौर से बीमार व्यक्ति, 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और बच्चों को बासा भोजन भूलकर भी नहीं देना चाहिए। इसमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। इससे उन्हें फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
ऐसे लोगों को अधपका मीट, चिकन, अंडा, सीफूड खाने से बचना चाहिए।
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