राज एक्सप्रेस। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। धीरे-धीरे शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द अपनी जगह बना लेता है। इनमें से एक है घुटने का दर्द। पहले के समय में घुटनों का दर्द बढ़ती उम्र का लक्षण माना जाता था, लेकिन आज कम उम्र में ही बच्चों से लेकर युवाओं में यह समस्या देखी जा रही है। कभी-कभी यह दर्द सामान्य होता है, लेकिन कभी यह इतना बढ़ जाता है कि उठना-बैठना और चलना तक मुश्किल कर देता है। घुटनों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। उम्र के असर के अलावा पोषक तत्वों की कमी और चोट लगने से घुटनों में तकलीफ होती है। ध्यान न देने पर परेशानी बढ़ती है और दर्द लगातार बना रहता है।
आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, लगभग 31 मिलियन लोग पुराने घुटनाें के दर्द के साथ रह रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आपके जीवन के हर दशक में घुटने के पुराने दर्द के लक्षण विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपके घुटने में दर्द है, तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस स्थिति से राहत पाने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
घुटनों में दर्द होने पर रेगुलर एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। कार्डियो एक्सरसाइज , वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग आपकी मांसपेशियों को मजबूती देने के साथ इसे लचीला बनाती हैं। बात अगर कुछ अच्छे कार्डियो एक्सरसाइज की करें, तो वॉकिंग, वॉटर एरोबिक्स, स्विमिंग और साइकिलिंग अच्छी है।
दर्द होने पर आरामदायक जूते पहनना चाहिए। घुटनों पर तनाव को कम करने के लिए कुशन वाले इंसाेल पहन सकते हैं। विशेषज्ञ आमतौर पर फ्लैट और फ्लेक्सिबल जूते पहनने की सलाह देते हैं। यह आपकी दैनिक गतिविधियों के दौरान घुटनों पर लगने वाले बल को कम कर सकते हैं।
डॉक्टर द्वारा घुटनों के दर्द के लिए दी जाने वाली दवाएं जरूर खाएं। इससे घुटनों में दर्द, जकड़न और सूजन से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा हीट और कोल्ड थैरेपी का उपयोग करने से भी लक्षणों को दूर करने में बहुत मदद मिल सकती है।
घुटनों में दर्द मामूली नहीं होता। इस पर ध्यान न दिया जाए, तो नी ट्रांसप्लांट की नौबत आ सकती है। अगर आपके घुटनों का दर्द शुरुआती है, तो RICE का फॉर्मूला काम आ सकता है। इसका मतलब है रेस्ट, आइस, कंप्रेशन और इलेवेशन। घुटनों को आराम दें, बर्फ से घुटनों की सिकाई करें, कंप्रेसिव बैंडेज पहनें और घुटनों को हमेशा ऊंचाई जैसे स्टूल या तकिए पर रखें।
घुटनों में दर्द होने पर आपको एकदम आराम नहीं करना चाहिए। दरअसल, बहुत ज्यादा आराम कमजोर मांसपेशियों का कारण बन सकता है। अगर आप कोई वर्कआउट प्लान के साथ कंफर्टेबल है, तो उसे भी लगातार करते रहें।
अतिरिक्त वजन आपके डैमेज घुटनों में खिंचाव डालते हैं। इसलिए कोशिश करें, कि आपका वजन जरूरत से ज्यादा न बढ़ें । घुटनों पर तनाव जितना कम होगा, आप उतने ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। अगर आप ओवरवेट हैं, तो वजन कम करने से आपको घुटनों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
घुटनों में दर्द होने की स्थिति में आप घुटनों के बल बैठने की गलती न करें। इससे समस्या और बढ़ सकती है।
घुटनों में दर्द हो, तो हाई इंटेसिटी वाले वर्कआउट जैसे फुल स्क्वैट, लंजिस, रनिंग, जंपिंग, किक बॉक्सिंग करने से बचना चाहिए। ये सभी वर्कआउट आपके घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालने के साथ दर्द को बदतर बनाते हैं। इससे भी बढ़कर इन्हें सही तरह से न किया जाए, तो चोट लग सकती है।
उम्मीद है यहां बताए गए तरीकों से आपको अपने घुटनों को बेहतर बनाने में बहुत मदद मिलेगी। घुटनों के दर्द क्रॉनिक प्रॉब्लम बन जाए, इससे पहले इसका इलाज करना बेहद जरूरी है।
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