ग्वालियर, मध्यप्रदेश। आपकी गलत आदतें आपको गर्दन दर्द का रोगी बना सकती हैं। पिछले दो सालों में गर्दन दर्द के रोगियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके पीछे कई कारण डॉक्टरों ने बताए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यदि हम अपनी आदतों में थोड़ा सा सुधार ले आएं तो खुद को गर्दन दर्द से बचा सकते हैं। जेएएच की ओपीडी में दर्द के लिए आने वाला हर दूसरा मरीज गर्दन दर्द की शिकायत से परेशान है। असहनीय दर्द के कारण लोगों के दैनिक कार्य तक प्रभावित होते है। हमारी आदतों के साथ इलेक्ट्रॉनिक गैजेस्ट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमें गर्दन दर्द का शिकार बना रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि गलत तरीके से बैठने से गर्दन अकड़ जाती है। वहीं घंटों मोबाइल चलाने पर गर्दन पर असर पड़ता है। गलत तरीके से मोबाइल चलाने पर गर्दन पर 27 किलो का प्रेशर पड़ता है। यह पीठ दर्द का भी बड़ा कारण बन सकता है। लोग पीठ दर्द से इतने परेशान होते हैं कि झुककर काम भी नहीं कर पाते। जेएएच की ओपीडी में आने वाले 45 फीसदी से अधिक लोगों को किसी न किसी रूप में गले या पीठ दर्द की शिकायत है। इसका प्रभाव लोगों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है।
बच्चे भी हो रहे है शिकार :
आजकल बहुत ही कम उम्र के बच्चों में भी गर्दन दर्द की शिकायत सामने आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल का घंटों और गलत तरीके से इस्तेमाल करना है। कंप्यूटर पर लगातार बैठना, रेग्युलर स्मार्ट फोन चलाना टीवी देखने के कारण बच्चे भी गर्दन दर्द का शिकार हो रहे हैं। घंटों गलत तरीके से बैठकर काम करने से मांसपेशियां कमजोर होती हैं। घंटों स्मार्टफोन चलाने का नतीजा यह होता है कि मांसपेशियों पर काफी दबाव पड़ता है, गर्दन में मौजूद लिगामेंट्स में लचीलापन नहीं रह जाता। इससे माइग्रेन का खतरा भी बढ़ जाता है।
ऊंचे तकिए से होता है गर्दन में दर्द :
गर्दन दर्द का सबसे बड़ा कारण गलत तरीके से बैठना या लेटना है। सोते समय कई लोग ऊंचा तकिया और कठोर तकिए का इस्तेमाल करते हैं। इससे धीरे-धीरे गर्दन दर्द बढ़ने लगता है। लगातार वाहन चलाना भी गर्दन दर्द का बड़ा कारण है।
रुक सकता है बच्चे का विकास :
डब्ल्यू सिटिंग किसी बच्चे के बैठने की वैसी पोजिशन होती है जिसमें उसके दोनों घुटने मुड़े हुए होते हैं और दोनों पैर शरीर से ऐसी शेप बनाते हैं जैसे अंग्रेजी का डब्ल्यू लेटर। इससे बच्चे की पीठ की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। पैरों के मसल्स भी टाइट हो जाते हैं। अगर बच्चा रेगुलर इस पोजिशन में बैठा रहा तो आगे चलकर उसका शरीर ठीक से डेवलप नहीं हो पाता।
दर्द से बचना है तो यह करें :
हमेशा मुलायम तकिए का प्रयोग करें
पैरों को फर्श पर सामने की ओर फैलाना
घुटने के पीछे और चेयर के बीच गैप रखना
अपने शोल्डर्स को रिलैक्स कराना
कोहनी को साइड में एल शेप बनाना
सीधा बैठना और गर्दन पर बिना दबाव दिए सामने की ओर देखना
पीठ को चेयर से सटाकर सीधा रखना
हर एक घंटे की सिटिंग में 10 मिनट का ब्रेक लें
सिटिंग पोजिशन भी बदलते रहें
बांह की लंबाई तक मॉनिटर को दूर रखें
फूड रेस्ट या रिस्टपैड्स का भी इस्तेमाल करे
कोरोना संक्रमण के बाद से बढ़ी है मरीजों की संख्या :
कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों ने घरों से काम किया। ऐसे में उन्होंने लगातार लैपटॉप, टेबलेट और अन्य इलेक्ट्रिॉनिक गैजेट्स का घंटों इस्तेमाल किया। गलत तरीके से इनका इस्तेमाल करने से लोग गर्दन दर्द के शिकार हुए।
इनका कहना :
कोरोना संक्रमण के दौरान वर्क ऑफ होम करने से गर्दन दर्द के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। गलत तरीके से बैठने और लेटने के कारण मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोते समय ऊंचा तकिया लगाने से भी गर्दन में दर्द होता है।डॉ. वैभव चौबे, फीजियोथैरेपिस्ट, जीआर मेडिकल कॉलेज
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