ब्रेस्‍ट फीडिंग कराने के फायदे और नुकसान Syed Dabeer Hussain - RE
हेल्थ एंड फिटनेस

हर नई मां को जरूर जानने चाहिए ब्रेस्‍ट फीडिंग कराने के फायदे और नुकसान

मां का दूध शिशु के लिए संपूर्ण आहार है। यह बीमारियों से लड़ने वाले पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अगर आप बच्‍चे को स्‍तनपान कराती हैं, तो इसके अपने कुछ फायदे और नुकसान हैं।

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • ब्रेस्‍ट मिल्‍क शिशु का मुख्‍य आहार।

  • बच्‍चे को शुरुआती 6 महीने तक स्तनपान कराना जरूरी।

  • मां का दूध बच्‍चे को हर बीमारी से बचाता है।

  • महिलाएं ब्रेस्ट साइज में बदलाव का अनुभव करती हैं।

राज एक्सप्रेस। ब्रेस्‍ट मिल्‍क शिशु का मुख्‍य आहार है। यह मां और बच्‍चे दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद है। मां का दूध कई पोषक तत्‍वों से भरपूर है, जिसे पचाना बच्‍चे के लिए बेहद आसान होता है। यह मां और बच्‍चे के बीच के रिश्‍ते को मजबूत बनाने का बेहतरीन जरिया भी है। द अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स शुरुआती 6 महीने तक केवल स्तनपान कराने की सलाह देती है। इसके बाद जब तक बच्‍चा 12 महीने या उससे ज्‍यादा का नहीं हो जाता , तब पूरक आहार के साथ स्तनपान को भी जारी रखना चाहिए, क्योंकि इस समय बच्चे के लिए सभी विटामिन और पोषक तत्‍वों के अलावा ब्रेस्‍ट मिल्‍क उसे हर बीमारी से बचाता है। यूं तो हर मां बच्‍चे को स्‍तनपान कराती है, लेकिन हर मां ये नहीं जानती कि इसके क्‍या फायदे और नुकसान हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको स्तनपान कराने से होने वाले फायदों और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।

बच्‍चे को स्‍तनपान कराने के फायदे

बीमारी से बचाए

मां का दूध बच्‍चे के लिए प्राकृतिक भोजन है। इससे न केवल बच्‍चे का विकास अच्‍छे से होता है, बल्कि वह तमाम संक्रमण और बीमारियों से भी बचा रहता है।

कब्‍ज से राहत दिलाए

अगर बच्‍चा जन्‍म के पहले दिन से ही मां के दूध का सेवन कर रहा है, तो उसे दस्‍त, उल्‍टी और कब्‍जी की समस्‍या से राहत मिलेगी।

डायबिटीज से बचाव

कहते हैं, जो मां अपने बच्चे को दो साल तक ब्रेस्‍ट फीडिंग कराती है, उन बच्‍चों में मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम रहता है।

ब्रेस्‍ट कैंसर का खतरा कम

स्तनपान कराने वाली मां को ब्रेस्‍ट कैंसर का खतरा स्‍तनपान न कराने वाली म‍हिलाओं की तुलना में बहुत कम होता है। शिशु के जन्‍म से लगातार 6 महीने तक स्तनपान कराने से बच्‍चों की इम्यूनिटी भी स्ट्रांग होती है।

वजन घटाए

ब्रेस्‍टफीडिंग डिलीवरी के बाद बढ़े हुए वजन को कम करने में कारगर साबित होती है। बच्‍चे को ब्रेस्टफीड कराने से लगभग 500 कैलोरी बर्न होती हैं, जिससे स्वाभाविक रूप से वजन घटाने में मदद मिलती है।

आसान है ब्रेस्‍टफीडिंग

सबसे अच्‍छी बात है कि एक मां अपने बच्‍चे को कभी भी कहीं भी चलते-फिरते ब्रेस्टफीड कर सकती है। इसके लिए उसे अलग से या पहले से कोई तैयारी करने की जरूरत नहीं पड़ती।

बच्‍चे को स्‍तनपान कराने के नुकसान

निप्‍पल में क्रेक और ब्रेस्‍ट में इंफेक्शन

ब्रेस्‍टफीडिंग के शुरुआती हफ्ते में एक मां को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दिनभर में कई बार दूध पिलाने से वे निप्‍पल में क्रेक और दर्द का अनुभव कर सकती हैं। इसके अलावा कुछ महिलाओं में ब्रेस्‍ट इंफेक्शन मैस्टाइटिस का खतरा रहता है।

दूध लीकेज की समस्‍या

कई बार मां के स्‍तन से दूध लीक होता है। इससे किसी भी महिला को शर्मिंदगी महसूस हो सकती है। दरअसल, जब बच्‍चा रोता है, तो स्‍तन में तुरंत दूध का उत्‍पादन शुरू हो जाता है। अगर आप इसके लिए ठीक से तैयार नहीं हैं, तो यह स्थिति असुविधाजनक और शर्मनाक हो सकती है।

स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव

स्‍तनपान कराने के दौरान आप जो भी कुछ खाती पीती हैं, उसका असर सीधे आपके बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है। इसलिए एक मां को इस समय बहुत सोच समझकर खाने की जरूरत है।

ब्रेस्‍ट साइज में बदलाव

बच्‍चे को स्‍तनपान कराने से ब्रेस्‍ट का साइज और शेप बदल सकता है। कुछ महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराने से पहले स्तनों में ढीलापन का अनुभव करती हैं। इसका असर उनकी सेक्‍स लाइफ, बॉडी इमेज पर भी पड़ता है।

दूध मापने में परेशानी

स्‍तनपान कराने के दौरान आप यह नहीं माप सकतीं कि आपका बच्‍चा कितना दूध पी रहा है। कुछ बच्‍चे दूसरों की तुलना में ज्‍यादा दूध पीते हैं, जबकि कुछ कम। जब तक मिल्‍क को पंप न किया जाए और उसे बोतल से नहीं मापा जाए, तब तक आप नहीं माप सकतीं कि आपका बच्चा कितना दूध पी रहा है। इस कारण कई बार बच्‍चा जरूरत से ज्‍यादा दूध पी लेता है, जिससे उसे बैचेनी होती है।

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