खून का थक्का Raj Express
हेल्थ एंड फिटनेस

शरीर में बनने लगा है खून का थक्का, तो बचने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

Santosh

हाइलाइट्स :

  • खून की नसों का ब्‍लॉक हो जाने से होता है ब्‍लड क्‍लॉट।

  • खून के थक्‍के दिल में बने हैं, तो सीने में दर्द होगा।

  • पैरों में खून के थक्‍के जमने से होता हैं गैंग्रीन।

  • पैरों को क्रॉस करके ना बैठें और हाइड्रेट रहें।

राज एक्सप्रेस। अगर आपके पैरों में दर्द हो और नीले रंग के निशान बनने लगे, तो इसे हल्‍के में ना लें, क्‍योंकि यह ब्लड क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है। ये थक्‍के शरीर की किसी भी नस में बन सकते हैं। जैसे दिल, दिमाग, आंते, हाथ या पैर। दरअसल, बहते खून में कभी-कभी क्‍लॉट या थक्‍का जम जाता है। आमतौर पर यह तब बनता है जब हड्डी टूट जाए, चोट लग जाए, कोई मांसपेशी बुरी तरह से डैमेज हो जाए या फिर लंबे समय तक बैठे रहने से भी यह समस्‍या होती है। इसके अलावा यह स्थिति तब भी बन सकती है, जब शरीर में ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता। वैसे तो थक्का अपने आप घुल जाता है, लेकिन अगर ये लंबे समय तक न घुले तो सेहत के लिए बड़ा खतरनाक है। ब्‍लड क्‍लॉटिंग का सही इलाज न कराने से जिन्‍दगी खतरे में पड़ सकती है। अगर आप भी हाथ पैरों में खून जमने के निशान देख रहे हैं, तो इन्‍हें दूर करने के लिए यहां बताई गई आदतों में छोटा सा बदलाव करना शुरू कर दें।

क्‍या होती है ब्‍लड क्‍लॉटिंग

बॉडी का हर ऑर्गन ब्लड सप्‍लाई करता है। क्‍योंकि शरीर के हर अंग को ऑक्‍सीजन और पोषण की जरूरत होती है। ये दोनों ही उसे खून की नसों के जरिए मिलते हैं। अगर खून की नस ब्‍लॉक हो जाए, तो उस अंग को नुकसान पहुंचता। ये ब्लॉकनेस थ्रोम्बोसिस से आती है। थ्रोम्बोसिस का मतलब है खून के थक्‍के बनना। खून जम जाए, तो यह खतरनाक है। हालांकि, यह निर्भर करता है कि खून के थक्‍के कहां बने हैं। अगर ये हार्ट में बने है, तो हार्ट अटैक पड़ता है, ब्रेन में बनने पर स्‍ट्रोक होता है। अगर ये थ्रोम्बोसिस पैर में बने, तो गैंग्रीन हो जाता है।

ब्‍लड क्‍लॉट के लक्षण

  • खून के थक्‍के दिल में बने हैं, तो सीने में दर्द होगा।

  • ब्रेन में थक्‍के जमें, तो व्‍यक्ति को पैरालिसिस हो सकता है।

  • इंटेस्टाइन में थक्‍के जमने पर पेट में दर्द का अनुभव होता है। साथ ही पेट भी फूलने लगता है।

  • पैर में हो, तो पैर ठंडा पड़ जाएगा और दर्द होगा। साथ ही पैर भी नीले पड़ने लगेंगे।

ब्‍लड क्‍लॉटिंग से बचने के तरीके

एक्‍सरसाइज करें

शरीर में रक्‍त के थक्‍के न बने, इसके लिए एक्सरसाइज का ऑप्‍शन अच्‍छा है। खासतौर से अपने निचले पैर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। इसके लिए अपने पंजों को घुटनों की ओर ऊपर खींचकर और फिर उन्हें नीचे की ओर करके अपने पैरों को ऊपर और नीचे पंप करें। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से बहुत फर्क दिखेगा।

क्रॉस करके ना बैठें

पैरों को लंबे समय तक एक के ऊपर एक रखकर बैठने से क्‍लॉटिंग का खतरा बढ़ सकता है। जब आप लंबे समय तक बैठे हों , तो अपने पैरों को हिलाते रहें। ये ब्‍लड क्‍लॉटिंग को रोकने के लिए सबसे अच्‍छी एक्‍सरसाइज है।

यात्रा में ब्रेक लें

अगर आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं, तो ब्रेक लेते रहें। खासतौर से कार से रोड़ ट्रिप पर जाने के दौरान हर घंटे कार रोकें और उतरकर थोड़ी स्‍ट्रेचिंग करें। बस, फ्लाइट या ट्रेन में हैं, तो अपनी सीट से उठकर टहल सकते हैं।

एक्टिव रहें

अगर आप चाहते हैं कि बॉडी में हेल्‍दी ब्‍लड सर्कुलेशन हो, तो सुबह जल्‍दी बिस्‍तर से उठना शुरू कर दें। यह ब्‍लड क्‍लॉटिंग को रोकने का सबसे अच्‍छा तरीका है। इसके अलावा एक्टिव रहने से भी रक्‍त के थक्‍कों को रोकने में मदद मिलती है। सप्‍ताह के ज्यादातर दिनों में 30 मिनट या इससे ज्‍यादा देर की एक्टिविटी करने से ब्‍लड क्‍लॉट कभी नहीं होगा।

हाइड्रेटेड रहें

खून का गाढ़ा होना ब्‍लड क्‍लॉटिंग का संकेत है। इसके जोखिम को कम करने के लिए अच्‍छी मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यह ब्‍लड की चिपचिपाहट को कम करता है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो ब्‍लड गाढ़ा हो जाता है, इससे थक्के जम सकते हैं।

कंप्रेशन स्टॉकिंग का यूज करें

अगर आपको लगता है कि पैरों में ब्‍लड सर्कुलेशन हो रहा है, तो कंप्रेशन स्टॉकिंग का यूज करना चाहिए। ये फिटिंग वाले मोज़े हैं, जो आपके पैरों में ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करते हैं।

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