दिमाग के लिए बेहद खतरनाक ये 6 कंडीशन Syed Dabeer Hussain - RE
हेल्थ एंड फिटनेस

दिमाग के लिए बेहद खतरनाक ये 6 कंडीशन, ब्रेन फंक्‍शन को हो सकता है परमानेंट नुकसान

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • वर्ल्ड ब्रेन डे हर साल 22 जुलाई को मनाया जाता है।

  • हर साल 2 मिलियन लोग ब्रेन डैमेज से पीड़ित।

  • ब्रेन डैमेज एक चोट है, जो ब्रेन सेल्‍स के खराब होने का कारण बनती है।

  • कुछ स्थितियों में ब्रेन हमेशा के लिए काम करना परमानेंट बेन डैमेज।

राज एक्सप्रेस। हमारा ब्रेन हमारी बॉडी का पावर हाउस है। बॉडी का पूरा कंट्रोल इसी के पास होता है। इसलिए अगर दिमाग में कोई भी गड़बड़ी आ जाए, तो यह पूरे शरीर के कार्य को डिस्‍टर्ब कर सकता है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल 21.5 से 2 मिलियन लोग सिरदर्द या चोट लगने के कारण ब्रेन डैमेज से जूझते हैं। यह स्थिति चोट लगने के कारण बन सकती है। वहीं हर साल 10 लाख लोग इसके चलते मौत के घात उतर रहे हैं। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि कुछ मामूली स्थितियां जिम्‍मेदार हैं। जी हां, डिस्‍टर्ब हो रहे डेली रूटीन के कारण ब्रेन के फंक्शन काम करना बंद कर देते हैं। लोग कई ऐसे आदतों को अपना रहे हैं, जो किसी न किसी तरह से ब्रेन के डैमेज होने का कारण बन सकती है। इसलिए इसे हेल्‍दी रखना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं ऐसी 6 कंडीशन के बारे में, जो आपके दिमाग को परमानेंट डैमेज कर सकती हैं।

नींद की कमी

अच्‍छी नींद जहां आपके दिमाग को फ्रेश रखती है, वहीं खराब नींद दिमाग के काम करने की क्षमता को प्रभावित करती है। हम सभी जानते हैं कि किसी भी अन्य अंग की तरह मास्तिष्‍क को भी पर्याप्त आराम की जरूरत होती है। भरपूर नींद न लेने से कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याएं जन्‍म लेती हैं। नींद की कमी हिप्पोकैम्पस पर प्रभाव डालती है, जिससे उम्र से पहले याददाश्त में कमी आती है और कुछ मामलों में तो यह अल्जाइमर की शुरुआत का कारण बन सकता है। इसलिए विशेषज्ञ रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं।

सिर की चोट

कई बार सिर पर लगने वाली चोट को हम मामूली समझ नजरअंदाज देते हैं। लेकिन ये चोटें वास्‍तव में घातक होने के साथ कभी कभी ब्रेन फंक्‍शन को परमानेंट डैमेज कर सकती हैं । ऐसे में हम सभी को दो तरह की सिर की चोटों पर ज्‍यादा देना चाहिए। जब व्‍यक्ति के सिर में एकदम से झटका लगे, तो इसे ट्रॉमेटिक ब्रेन इंज्यूरी कहते हैं, यह ब्रेन को नुकसान पहुंचाती है। वहीं दूसरी है एक्वायर्ड ब्रेन इंज्‍योरी , जो किसी ट़यूमर या न्‍यूरोलीकिल डिजीज के कारण होती है ।

जीवनशैली की खराब आदतें

बता दें कि हमारी लाइफस्‍टाइल अपने ब्रेन फंक्‍शन को निर्धारित करने में मुख्‍य भूमिका निभाती है। अगर आप आलस और आराम के चलते फिजिकल एक्टिविटी से कोसों दूर हैं, तो ब्लड फ्लो में कमी के कारण ब्रेन काम करना बंद कर सकता है। इसके अलावा यह स्थिति डायबिटीज , हाई ब्‍लड प्रेशर जैसी बीमारियों को भी ट्रिगर कर सकती है। ऐसे में अपने दिमाग को सुचारू रूप से काम करने के लिए फिजिकल एक्टिव रहना बेहद जरूरी है।

धूप से बचना

अगर अंदर एसी की हवा मिल रही हो, तो बाहर कौन धूप में जाना चाहता है। कई लोग धूप से परहेज करते हैं। इस वजह से उनमें विटामिन डी की कमी हो जाती है। NCBI की एक स्‍टडी के मुताबिक शरीर में विटामिन डी के कम होने से मेंटल इलनेस ज्यादा रहती है। यह डिप्रेशन, डिमेंशिया, ऑटिज्‍म और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक समस्याएं पैदा कर सकती है, जो आगे चलकर ब्रेन फंक्‍शन को हमेशा के लिए नुकसान पहुंचाती हैं।

स्‍ट्रेस और डिप्रेशन

तनाव और अवसाद की व्‍यक्ति के जीवन में कोई कमी नहीं है। हर छोटी से छोटी बात पर लोग तनाव लेने लगे हैं। इसे समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह अवसाद का रूप ले लेता है। येल यूनिवर्सिटी में हुई एक स्‍टडी बताती है कि, लगातार तनाव से प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (यह मास्तिष्‍क का सबसे विकसित क्षेत्र है) सिकुड़ जाता है, जो मस्तिष्क में याददाश्त और सीखने के लिए जाना जाता है।

धूम्रपान की लत

हर शख्स इस बात से अच्‍छी तरह वाकिफ है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मगर बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि यह आदत उनके दिमाग को हमेशा के लिए डैमेज कर सकती है। जानकर हैरत होगी, लेकिन स्‍मोकिंग करने से ब्रेन में सिकुड़न आती है। धूम्रपान सीधे आपकी याददाश्त पर असर डालता है। इसमें मौजूद निकोटीन के कारण अल्जाइमर का खतरा काफी बढ़ जाता है। आमतौर पर निकोटिन मास्तिष्‍क के उस हिस्‍से को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है , जो ध्यान, सीखने, और मूड को नियंत्रित करता है।

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