वर्कप्लेस हैरेसमेंट के कई प्रकार होते हैं।
हैरेसमेंट का मतलब हमेशा सेक्सुअल हैरेसमेंट नहीं।
मेंटल हैरेसमेंट व्यक्ति को कमजोर बनाता है।
वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट होने पर एचआर विभाग से शिकायत करें।
राज एक्सप्रेस। जब वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट या उत्पीड़न की बात होती है, तो सबसे पहले लोगों के मन में सेक्सुअल हैरेसमेंट का ख्याल आता है। वैसे यह कोई आश्चर्य नहीं है, क्याेंकि दुनिया भर में सभी ऑर्गेनाइजेशन में सेक्सुअल हैरेसमेंट एक बड़ी समस्या बना हुआ है। लेकिन गलतफहमी वहां होती है, जहां लोग हैरेसमेंट का मतलब नहीं जानते। वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट तब होता है, जब एम्प्लॉयीज को अपने साथ काम करने वाले लोगों से खतरा हो। इससे किसी भी एम्प्लॉई खराब वर्किंग एक्सपीरियंस का अनुभव करता है। हालांकि, वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट का मतलब सेक्सुअल हैरेमेंट से कहीं ज्यादा है। यहां एम्प्लाॅयीज को अपमानित किया जा सकता है, उनका मजाक उड़ाया जा सकता है, प्रमोशन रोका जा सकता है या फिर उन्हें बात-बात पर ताने कसे जा सकते हैं। कहने का मतलब है कि वर्कप्लेस हैरेसमेंट कई प्रकार का होता है, जिसमें लोगों को इन सभी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं क्या होता है वर्कप्लेस हैरेसमेंट और इसके प्रकारों के बारे में भी।
वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट कई तरह से हो सकता है। इसमें कोई भी एम्प्लॉयी अपने कलीग के बीच अपमानित महसूस कर सकता है। वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट करने वाले या उत्पीड़क का एकमात्र मकसद अपने साथ काम करने वाले लोगों को असुरक्षित और असहज महसूस कराना है। समान रोजगार अवसर आयोग (EEOC) के अनुसार, हैरेसमेंट में आपत्तिजनक चुटकुले, धमकाना, अपशब्द, शारीरिक रूप से हमला, धमकी, मजाक, अपमान, आपत्तिजनक चीजों या चित्र को दिखाकर काम में रुकावट पैदा करना हैरेसमेंट कहलाता है। सरल शब्दों में कहा जाए, तो वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट किसी भी तरह का हो सकता है, चाहे मौखिक या शारीरिक, सेक्सुअल हो या मेंटल हैरेसमेंट। बस समझना यह है कि आप किस हैरेसमेंट के शिकार हैं।
जब ऑफिस के लोग अपने शब्दों से साथ काम करने वालों का दिल दुखाते हैं, तो इससे उनके स्वास्थ्य और करियर को खतरा होता है। ओरल हैरेसमेंट में अपमानजनक अपशब्द, आपत्तिजनक इशारे, बॉडी शेमिंग चुटकुले और बेवजह की बुराई शामिल होती है।
ये भी कुछ कुछ वर्बल हैरेसमेंट की तरह होता है। इसमें व्यक्ति एक तरह की पॉलिटिक्स का हिस्सा होता है। जो लोग इस तरह के उत्पीड़न का सामना करते हैं, वे न केवल मानसिक रूप से टूट जाते हैं , बल्कि उनका आत्मसम्मान भी कमजोर होने लगता है। मेंटल हैरेसमेंट में दूसरों की उपलब्धि का श्रेय लेना, असंभव डिमांड करना, किसी कर्मचारी पर टाइम लिमिट थोपना, किसी को उसकी नौकरी के दायरे से बाहर काम करने के लिए मजबूर करना शामिल होता है।
डिजिटल हैरेसमेंट या साइबर बुलिंग हैरेसमेंट का सबसे नया रूप है। भले ही यह ऑनलाइन होता है, लेकिन यह फिजिकल हैरेसमेंट जैसा ही खतरनाक है। डिजिटल हैरेसमेंट में व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपमानजनक कमेंट पोस्ट करना पीड़ित का मजाक उड़ाने और उसे नीचा दिखाने के लिए उसके बारे में एक वेब पेज बनाना और ऑनलाइन झूठे आरोप लगाने जैसी हरकत करता है। लेकिन, डिजिटल हैरेसमेंट के बारे में अच्छी बात यह है कि वर्कप्लेस पर उत्पीड़न के शिकार लोग आसानी से ऐसे आपत्तिजनक व्यवहार की रिपोर्ट कर सकते हैं।
वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट एक अपराध है। ऑर्गेनाइजेशन में यह काफी आम है। यह एक ऐसा अपराध है जो केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है। किसी भी लिंग का व्यक्ति यौन उत्पीड़न का शिकार या अपराधी हो सकता है। ZipRecruiter सर्वेक्षण के अनुसार, 40% महिला और 14% पुरुष वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के शिकार होते हैं। गलत तरह से टच करना, अश्लील मैसेज और वीडियो भेजना, यौन संबंधों के लिए पूछना, अश्लील इशारों सहित कमेंट सेक्सुअल हैरेसमेंट के कुछ लक्षण हैं। ज्यादातर मामलों में रिपोर्ट नहीं की जाती, और इस वजह से, अपराधी अक्सर बच जाते हैं।
अगर आपको लगता है कि वर्कप्लेस पर आपको परेशान किया जा रहा है , तो आपको कुछ गलत होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। जितनी जल्दी इस पर चर्चा होगी, समाधान उतनी जल्दी किया जाएगा।
जो व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है, उससे दूरी बना लें।
ऑफिस के अपने करीबी कलीग को उसकी हरकतों के बारे में जरूर बताएं, ताकि हालात बिगड़ने पर वे आपकी मदद कर सकें।
ऑफिस में कोशिश करें कि आप कहीं भी अकेले ना जाएं। आपका कोई भी कलीग आपके साथ हो, तो आप सेफ रहेंगे।
हर संस्थान में एक एचआर डिपार्टमेंट होता है। इसका उद्देश्य उन एम्प्लॉयीज की हेल्प करना है जो असहज महसूस करें या ख़तरे में हों। परेशान न हो, शिकायत करें।
हैरेसमेंट करने वाले व्यक्ति के साथ शांति से एक-से-एक बातचीत करने की कोशिश करें। उनसे इस तरह के अपमानजनक व्यवहार को करना बंद करने के लिए कहें। हालांकि, अगर दुर्व्यवहार शारीरिक है, तो उत्पीड़क के पास न जाएं। सीधे एक्शन लें।
वर्कप्लेस पर किसी भी तरह का हैरेसमेंट स्वस्थ, सकारात्मक माहौल को खराब करता है। इससे एम्प्लॉयीज की अन्य कलीग के साथ बॉन्डिंग भी खराब हो जाती है और माहौल सुरक्षित नहीं रहता। अगर आपके साथ ऑफिस में कुछ ऐसा हो रहा है, तो बिल्कुल सहना नहीं चाहिए, बल्कि तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए।
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