जम्मू कश्मीर, भारत। भारत के लोगों को अब तक सरकार की तरफ से कई तरह की बड़ी सौगातें मिल चुकी है। साथ ही कुछ ऐसी धरोहर या कुछ इस तरह की चीजें भी जिससे भारतीय गर्व महसूस कर सकें। इसी कड़ी में अब भारत में बसे जन्नत वासियों यानि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक खुशी की खबर है। क्योंकि, अब दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे पुल जम्मू-कश्मीर में बन कर तैयार हो चुका है। यह सिर्फ कश्मीर को सीधा राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से ही जोड़ने का काम नहीं करेगा, बल्कि भारतवासियों को गर्व महसूस भी कराएगा।
चिनाब रेलवे पुल बनकर तैयार :
दरअसल, शनिवार को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के दोनों सिरे ‘गोल्डन ज्वाइंट’ जोड़ दिए गए हैं। यानी चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम अब पूरा हो चुका है। इसी के साथ इस पुल के तैयार होने का लगभग 98% काम पूरा हो गया है। इस पुल का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत किया गया है। इसके निर्माण में लगने वाली लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। शनिवार को इसका कार्य खत्म होने के बाद ही इस पल को तैयार करने वाले वर्कर्स ने तिरंगा फहराकर आतिशबाजी भी की। साथ ही राष्ट्रीय गान और भारत माता की जय के नारों के साथ इस पल को सेलिब्रेट किया। इस मौके पर नॉर्दर्न रेलवे के सीएओ एसपी माही भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
चिनाब रेलवे पुल से जुड़ी कुछ बातें :
जानकारी के लिए बता दें, चिनाब रेलवे पुल 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है।
इस पुल के अंतिम आर्क जोड़ने के साथ ही कोड़ी और बक्कल रेलवे स्टेशन आपस में जुड़ गए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि, भारत में तैयार किया गया यह पुल पेरिस के एफिल टावर से भी 30 मीटर ऊंचा है।
इस पुल को पूरी तरह से इसी साल दिसंबर तक तैयार कर लिया जाएगा।
भारतीय रेलवे समेत दुनिया के रेलवे इतिहास के सबसे ऊंचे पुल पर 1,436 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।
यह पुल 17 स्तंभों पर बना है।
इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है।
इस पुल को तैयार करने में कुल 1300 वर्कर और 300 इंजीनियर ने दिन रात मेहनत की हैं।
यह पुल 111 किलोमीटर लंबा है।
पुल बनाने का काम करने वाली कंपनी का नाम Afcons इंफ्रास्ट्रक्चर है।
इस पुल के निर्माण का कार्य कटड़ा-बनिहाल सेक्शन में साल 2004 में शुरू किया गया था, लेकिन साल 2008-09 के दौरान तेज हवाओं के कारण इसका काम रोकना पड़ा।
इस पुल को 120 साल की अवधि के लिए तैयार किया जा रहा है।
इस पर 260 किलोमीटर प्रतिघंटे के रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी असर नहीं कर सकती।
कोंकण रेलवे के चेयरमैन ने बताया :
इस मामले में जानकारी कोंकण रेलवे के चेयरमैन और एमडी संजय गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया है कि, 'दुनिया के सबसे लंबे पुल को तैयार करने में लंबा समय लगा है। इस दौरान खराब मौसम, सर्दी, ऊंचाई इसे बनाने में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। पुल का निर्माण मुंबई स्थित बुनियादी ढांचा प्रमुख Afcons की ओर से किया गया है।' बता दें, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस चिनाब ब्रिज का वीडियो साझा किया है।
Afcons इंफ्रास्ट्रक्चर के अधिकारीयों का कहना :
पुल बनाने का काम करने वाली Afcons इंफ्रास्ट्रक्चर के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गिरिधर राज गोपालन और प्रोजेक्ट मैनेजर एसएम विश्वमूर्ति ने कहा कि, 'पुल तैयार होने का काम इसी साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। कंपनी ने पुल को बनाने का काम एक चुनौती के तौर पर लिया था, जिसमें हर मैटेरियल बेहतरीन लगाकर इसको भूकंप रोधी बनाया गया है। शनिवार को ओवर आर्क को आपस में जोड़े जाने का काम पूरा किया गया।'
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