राज एक्सप्रेस। टेलीविजन आज हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह जनसंचार का एक सशक्त मध्यम है। टेलीविजन के जरिए ही हमें दुनियाभर में होने वाली गतिविधियों की जानकारी मिलती है। इसके अलावा मनोरंजन के लिए भी दुनियाभर में टेलीविजन का उपयोग किया जाता है। ऐसे में टेलीविजन के रोजाना उपयोग और उसके मूल्य को उजागर करने के लिए हर साल 21 नवंबर को पूरी दुनिया में विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है। इसे ‘विश्व दूरदर्शन दिवस’ भी कहा जाता है।
विश्व टेलीविजन दिवस का इतिहास :
संचार एवं वैश्वीकरण में टेलीविजन नाटकों की भूमिका के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 17 नवंबर 1996 को ‘विश्व टेलीविजन दिवस’ मनाने का संकल्प लिया था। इस दिन को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 21 नवंबर का दिन निर्धारित किया था। इस दिन टेलीविजन की भूमिका को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय और वैश्विक स्तर पर बैठकों का आयोजन किया जाता है।
टेलीविजन से जुड़े रोचक तथ्य :
टेलीविजन का आविष्कार साल 1925 में जॉन लॉगी बेयर्ड ने लन्दन में किया था, जबकि दुनिया को पहला वर्किंग टेलीविजन साल 1927 में फिलो फार्न्सवर्थ ने दिया था। दुनिया के पहले कलर टेलीविजन को बेयर्ड ने साल 1928 में बनाया था। टीवी में इस्तेमाल किए जाने वाले रिमोट को साल 1955 में यूजीन पोली ने बनाया था। वहीं भारत की बात करें तो यहां 15 सितंबर 1959 को दिल्ली में टेलीविजन प्रसारण की शुरुआत हुई थी। भारत की पहली न्यूज़ रीडर प्रतिमा पुरी थी। वहीं Zee टीवी भारत का पहला प्राइवेट चैनल था, जिसे 2 अक्टूबर 1992 को प्रसारित किया गया था।
टेलीविजन और भारत :
बार्क इंडिया द्वारा 2018 में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में 82 प्रतिशत लोग टेलीविजन देखते हैं।
भारत में सुबह सबसे अधिक न्यूज़ चैनल, राशिफल और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम देखे जाते हैं।
भारत में 52 फीसदी लोग टीवी पर एंटरटेनमेंट चैनल जबकि 22 फीसदी लोग मूवी देखते हैं, वहीं न्यूज़ देखने वाले लोगों की संख्या महज 8 फीसदी है।
भारत में टेलीविजन के 11 प्रतिशत दर्शक कार्टून चैनल देखते हैं।
भारत के जिन घरों में टेलीविजन में हैं, उनमें से 98 घरों में सिंगल टेलीविजन है, जबकि 2 फीसदी घरों में एक से अधिक टेलीविजन है।
भारत में 23 फीसदी लोग हिंदी मनोरंजन चैनल, जबकि 18 फीसदी लोग हिंदी फिल्म देखते हैं।
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