राज एक्सप्रेस। दुनिया भर में हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी दुनिया में लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रेरित किया जाता है। विश्व भर में लगातार जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती आबादी के चलते विकास भी प्रभावित हो रहा है और समूचे विश्व में बेरोजगारी से लेकर भुखमरी और अन्य समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व और इतिहास।
विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व क्या है?
विश्व भर में इस दिन को बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट किया जाता है। आज के दिन दुनिया में बढ़ती हुई जनसंख्या पर रोकथाम लगाने, आबादी के कारण पैदा हो रही समस्याओं आदि पर विचार किया जाता है। लोगों में आज के दिन परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल, माँ और बच्चे का स्वास्थ्य, लैंगिक समानता आदि पर चर्चा की जाती है। क्योंकि देखने को मिला है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण गरीबी, अशिक्षा, महंगाई जैसे दुष्प्रभाव भी तेजी दे बढ़ रहे हैं। इन सब दुष्प्रभावों को देखते हुए ही इस दिन का आयोजन हर साल किया जाता है। इस दिन की शुरुआत यूनाइटेड स्टेट के द्वारा की गई थी।
क्या है इस साल की थीम?
विश्व जनसंख्या दिवस के लिए हर साल एक नई थीम रखी जाती है। इस साल विश्व जनसंख्या दिवस की थीम '8 बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर- अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना' रखी गई थी।
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास :
सर्वप्रथम साल 1987 में 11 जुलाई को विश्व की जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब पर पहुंच गया था। जिसके बाद साल 1989 में 11 जुलाई को बढ़ती हुई आबादी को काबू करने के लिए और परिवार नियोजन के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। इस दिन पहली बार दुनिया भर में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया था। इसके अगले साल यानि साल 1990 से इस दिन को अधिकारिक रूप से मनाने की घोषणा की गई।
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