राज एक्सप्रेस। भारत में हर साल 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है। इस दिन मुख्य अतिथि का विशेष सम्मान किया जाता है और साथ में उन्हें भारत के राष्ट्रपति के सामने 'गार्ड ऑफ ऑनर' भी दिया जाता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस साल मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी को गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जा रहा है। इस बीच कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि अब्देल फतह को क्यों आमंत्रित किया गया है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों है?
सालों पुराना है मिस्त्र और भारत का रिश्ता :
मिस्त्र के साथ भारत के राजनयिक संबंध करीब 75 साल पुराने हैं। वहीं विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और दूसरे कई देशों की तरफ मिस्त्र भी हमेशा से पाकिस्तान के दुष्प्रचार को नकारता आया है। मिस्त्र के साथ रिश्तों को देखते हुए जी-20 बैठक में भी मिस्र को आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया गया है।
इन क्षेत्रों में हो सकते हैं समझौते :
यह माना जा रहा है कि मिस्त्र के राष्ट्रपति का यह दौरा कुछ महत्वपूर्ण समझौतों की नजर से भी अच्छा हो सकता है। इस यात्रा के दौरान कृषि से लेकर साइबर संस्कृति, सूचना प्रौद्यौगिकी, प्रसारण और युवा क्षेत्रों में समझौते के आसार हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ समय में मिस्त्र के साथ भारत का व्यापर काफी बढ़ा है। आज मिस्र भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन चुका है। इसके अलावा हमारे देश से रक्षा सामग्री आयात करने में भी मिस्त्र ने इच्छा जताई है।
बीते दो सालों में नहीं आया कोई अतिथि :
हालांकि बीते दो सालों में कोई भी मुख्य अतिथि इस खास मौके पर गणतंत्र दिवस पर शामिल नहीं हुए हैं। साल 2021 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बुलाया गया था, लेकिन कोरोना के चलते यह दौरा रद्द हुआ। जबकि साल 2022 में किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।
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