"जमशेदजी टाटा" की जयंती Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

जयंती : जब अंग्रेजों ने किया था जमशेदजी टाटा का अपमान, जानिए कैसे लिया था बदला?

भारत में औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाले जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को दक्षिणी गुजरात के नवसारी में एक पारसी परिवार में हुआ था।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। आज टाटा समूह के संस्थापक जी टाटा की 184वीं जयंती है। जमशेदजी टाटा को भारत का पहला उद्योगपति और भारतीय उद्योग का जनक भी कहा जाता है। टाटा स्टील, ताज होटल और आईआईएससी बैंगलोर जैसे संगठनों की स्थापना करने के लिए जाना जाता है। भारत में औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाले जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को दक्षिणी गुजरात के नवसारी में एक पारसी परिवार में हुआ था। आज जमशेदजी टाटा की जयंती पर हम जानेंगे उस मशहूर किस्से के बारे में, जब अंग्रेजों ने उनका अपमान किया था और उन्होंने किस तरीके से उसका बदला लिया। तो चलिए जानते हैं -

अंग्रेजों ने किया था अपमान :

दरअसल हुआ यह था कि ब्रिटिश शासन के दौरान एक बार जमशेदजी टाटा एक भव्य होटल में ठहरने के लिए पहुंचे थे। लेकिन होटल के कर्मचारी ने उन्हें यह कहते हुए अंदर आने से मना कर दिया कि यह होटल सिर्फ अंग्रेजों के लिए ही है। यहां भारतीयों का आना मना है। जमशेदजी टाटा ने इसे अपना नहीं बल्कि पूरे भारतीयों का अपमान समझा था।

बनाया ताज होटल :

अंग्रेजों द्वारा किए गए अपमान का बदला लेने के लिए जमशेदजी टाटा ने निश्चय किया कि वह मुंबई में एक ऐसा भव्य और लग्जरी होटल बनाएंगे जहां न केवल भारतीय बल्कि विदेशी भी बिना किसी प्रतिबंध के रह सकें। ऐसे में उन्होंने साल 1898 में मुंबई में समुद्र के किनारे ताज महल पैलेस की नींव रखी। उस समय ताज होटल को बनाने में 4 साल और 4 करोड़ रूपए का खर्च आया था।

दुनियाभर से लाए सामान :

कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा इस होटल को बनाने के लिए इतने उत्साहित थे कि उन्होंने खुद पूरी दुनिया में घूमकर होटल के इंटीरियर डिजाइन के लिए सामान इकट्ठा किया था। उस समय ताज होटल भारत का एकमात्र ऐसा होटल था, जिसमें अमेरिकन पंखे, जर्मन शैली की सीढ़ियां और तुर्किश शैली के स्नानघर बनाए गए थे। आख़िरकार 16 दिसंबर 1902 को यह भव्य होटल लोगों के आने के लिए खोल दिया गया।

ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह :

मुंबई का यह ताज होटल कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। यह होटल कई देशों के राष्ट्रपति से लेकर बड़े उद्योगपतियों सहित कई बड़े मेहमानों की अगवानी कर चुका है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस होटल को एक सैन्य हॉस्पिटल में बदल दिया गया था। इसके अलावा साल 2008 का चर्चित मुंबई हमला इसी होटल में हुआ था।

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