राज एक्सप्रेस। बीते महीने में तबाही मचाने वाले मोचा तूफान के बाद अब देश में एक नया तूफान दस्तक देने को तैयार है। दरअसल पूर्वी-मध्य और दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर चक्रवाती तूफान बन रहा है। जो कुछ ही समय में एक बड़े तूफान में तब्दील हो जाएगा। इस तूफान की रफ़्तार को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी करते हुए यह आशंका जताई है कि आगामी 24 घंटों में यह भयंकर रूप धारण कर सकता है। इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया गया है। इस बिपरजॉय तूफान (Biporjoy Cyclone) का असर महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ आदि जगहों पर भी तेज हवा और बारिश में रूप में देखे जाने के आसार हैं। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि इस तूफान का नाम किसने रखा? और यह कैसे मानसून को प्रभावित करने वाला है?
बिपरजॉय तूफान का नाम बांग्लादेश के द्वारा रखा गया है। इस नाम को साल 2020 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन के द्वारा मंजूरी दी गई थी। बता दें कि मौसम विभाग के अनुसार मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले ट्रॉपिकल साइक्लोन को एक नाम दिया जाता है ताकि उसे लेकर किसी तरह के भ्रम की स्थिति पैदा ना हो। यह सिलसिला साल 2004 में हिंद महासागर के लिए एक सूत्र पर बनी सहमति के दौरान शुरू हुआ था। इस क्षेत्र में 8 देश आते हैं। जो तूफान के नाम का सुझाव देते हैं।
बताया जा रहा है कि बिपरजॉय के आने से केरल में मानसून काफी हद तक प्रभावित हो सकता है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि केरल में 1 जून तक मानसून की दस्तक हो जाती है। लेकिन एक निजी मौसम एजेंसी का कहना है कि बिपरजॉय के कारण इस बार मानसून में देरी देखी जा सकती है। हालांकि मौसम विभाग ने यह आशा जताई है कि मानसून देरी से आने का बारिश पर कोई असर नहीं होगा। बिपरजॉय देश में बारिश के औसत आंकड़े को प्रभावित नहीं कर पाएगा।
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