हाइलाइट्स
जिस महिला पर हाथ रख देता था वह बिना न-नुकुर के बैठ जाती थी कार में।
ED के अधिकारियों पर भी करवा दिया था हमला।
Sandeshkhali Sexual Violence : पश्चिम बंगाल। संदेशखाली यौन हिंसा की डरावनी कहानी के पन्ने अब धीरे-धीरे खुल रहे है, और जैसे-जैसे यह पन्ने खुलते जा रहे है सब कुछ एक फिल्म जैसा प्रतीत हो रहा है। जिसमें एक खलनायक होता है जिसे पुलिस, प्रशासन किसी का भी कोई डर नहीं होता। वो अपने अधिकार क्षेत्र में महिलाओं, गरीबों सभी पर दादागिरी दिखाता है और अत्याचार करता है। इसके साथ ही वह महिलाओं की अस्मत के साथ भी खिलवाड़ करता है। खलनायक से डरी, सहमी महिलाएं हिम्मत जुटाकर पुलिस थाने तो जाती है, लेकिन पुलिस उनकी रिपोर्ट लिखने से इंकार कर देती है और महिलाओं को अन्याय सहना पड़ता है। कुछ इसी तरह संदेशखाली की भी घटना है, आइये जानते है Sandeshkhali यौन हिंसा की पूरी कहानी...।
कहानी शुरू होती है, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से, जहाँ का खलनायक था, TMC नेता शेख शाहजहां। शेख संदेशखाली का बड़ा और जाना-माना नेता था। उसके पास पैसा और पावर दोनों ही था। उसकी पावर का अंदाजा आप इससे लगा सकते है कि, जब ED के अधिकारी उसके ठिकानों पर रेड मारने पहुंचे तो गाड़ी से उतरते ही अधिकारियों पर उसने पत्थरों से हमला करवा दिया जिसके बाद अधिकारियों को उलटे पाँव लौटना पड़ा था। यह एक कारनामा नहीं था इस नेता के खाते में ऐसे कई कारनामे आते है जिनकी वजह से लोगों के दिल में नेता को लेकर डर बना हुआ है। गांव का कोई भी व्यक्ति इसके खिलाफ बयान नहीं देता था, ये नेता जिस लड़की, (चाहे वह बालिग हो या नाबालिग) हाथ रख देता था वह लड़की बिना किसी सवाल और न-नुकुर से नेता के साथ चली जाती थी। यह बात हम नहीं कह रहे संदेशखाली पहुंची फैक्ट फाइंडिंग की टीम की एक सदस्य ने कही है। ये सदस्य संदेशखाली में उन महिलाओं के बीच पहुंची और उनसे बात की है। उन्होंने अपनी आँखों में आंसू भरकर अपनी पीड़ा का बखान फैक्ट फाइंडिंग सदस्य की समिति से किया है।
बेटियों और बहुओं की चिंता
संदेशखाली के पीड़ितों से मुलाकात कर फैक्ट फाइंडिंग समिति की सदस्य भावना बजाज ने बताया, मैं 28-70 साल की उम्र की 20 महिलाओं से मिली, वें सभी कोने में खड़ी होकर रो रही थीं, मैंने उन्हें अपने पास बुलाया, तो वें पास आने से भी डर रही थी। मैंने उनसे पूछा कि, आप डरिये मत, मुझे बताइये आपके साथ क्या हुआ, मैं आपकी मदद करने आईं हूँ। महिलाओं ने बताया कि, उनको सिर्फ अपनी बेटियों और बहुओं की चिंता है। न जाने कैसे दिन उस पापी नेता की नजर उनकी बेटी-बहु पर पड़ जाये और उसे उठाकर ले जाये।
कई बार खुद को बचाने के लिए भाग जाती थी घर से
फैक्ट फाइंडिंग समिति की सदस्य भावना ने बताया कि, मैं पीड़िता की पहचान की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी कैमरापर्सन के अकेले एक पीड़िता से मिलने गई; उसके पूरे चेहरे पर चोट के निशान थे। हर रात वह अपनी चार साल की बच्ची को लेकर जाती थी। कई बार खुद को और अपनी बेटी को आरोपियों से बचाने के लिए छिप जाती। कई बार तो पीड़िता अपनी बेटी को लेकर रात को घर से भाग जाती थी जिससे वह जब शेख के आदमी उसे लेने आये तो वो खाली हाथ लौट जाये। उसके पति को भी इन्ही लोगों ने डरा-धमकाकर गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है।
शिबू हाजरा का नाम आया सामने
अधिकतम महिलाओं ने शिबू हाजरा नामक एक व्यक्ति का नाम लिया है। जब भी बाहर से लोग उनके पार्टी कार्यालय में आते, तो वे महिलाओं को मनोरंजन के लिए लाते हैं और पूरी रात उनके साथ रखते। वे बलात्कार या यौन उत्पीड़न शब्द का उपयोग नहीं करते थे, लेकिन उनके शरीर पर चोट और चोट के निशान उनकी तुलना में अधिक स्पष्ट थे। महिलाओं का कहना है कि वे अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास नहीं जा सकतीं क्योंकि कोई उनकी बात नहीं सुनता। अभी तक पांच महिलाओं ने स्टेटमेंट दिया है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।