Purulia Case Raj Express
पश्चिम बंगाल

पुरुलिया में तीन साधुओं के साथ मॉब लिंचिंग का मामला, अपरहणकर्ता समझकर पीटा, अब तक 12 लोग गिरफ्तार

Purulia Case : बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने पुरुलिया जिले में भीड़ द्वारा हमला किए गए साधुओं से मुलाकात की है। इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

Himanshu Singh

हाइलाइट्स :

  • पुरुलिया में तीन साधुओं को जमकर पीटा गया।

  • अब तक 12 लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर।

  • साल 2020 में पालघर में हुई थी मॉब लिंचिंग।

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के गंगासागर जा रहे तीन साधुओं को अपहरणकर्ता समझकर बुरी तरह पिटाई कर दी। जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। इस घटना को महाराष्ट्र के पालघर जैसा बताया जा रहा है। वहीं बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने पुरुलिया जिले में भीड़ द्वारा हमला किए गए साधुओं से मुलाकात की है। हालांकि इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

क्या था मामला

तीन साधु और अन्य तीन लोग मकर संक्रांति स्नान के लिए गंगासागर जा रहे थे। रास्ता भटक जाने पर उन्होंने कुछ लड़कियों से रास्ता पूछा तो लड़कियां जोर - जोर से चिल्लाकर भागने लगी। जिसके बाद बड़ी संख्या में वहां भीड़ जुट गई और साधुओं को अपहरणकर्ता समझकर बुरी तरह पीट दिया। स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर साधुओं को भीड़ से छुड़ाकर काशीपुर थाने ले गई।

पुलिस ने दर्ज की FIR

जानकारी के मुताबिक, पुरुलिया में साधुओं के साथ हुई पिटाई का पुलिस ने तत्काल संज्ञान में लिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित साधुओं का कहना है कि उन्हें लगता है कि 'मार खाना उनके भाग्य में ही लिखा है।'

पुरुलिया SP ने कहा - भाषा न समझने से हुई ग़लतफहमी

पुरुलिया के एसपी अविजीत बनर्जी ने कहा कि तीन साधु वाहन से जा रहे थे और तीनों लड़कियां काली मंदिर की ओर जा रही थी। तभी साधुओं की कार उनके पास रुकी और उन्होंने कुछ पूछ लिया। भाषा न समझ पाने की वजह से कुछ गलतफहमियां हो गई और लड़कियों को लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं। उसी वक़्त स्थानीय लोग एकत्रित हो गए और मारपीट की। एक साधु की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।

क्या हुआ था पालघर मामला

बता दें कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में 72 साल के कल्पवृक्ष गिरि और 35 साल के सुशील गिरि नाम के दो साधुओं की मॉब लिचिंग में हत्या कर दी गई थी। वह दोनों अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे। इस दौरान पालघर में 200 लोगों की भीड़ ने उन्हें बच्चा चोरी करने के आरोप में रोक लिया और साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

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