कोलकाता, पश्चिम बंगाल। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालियागंज नगरपालिका क्षेत्र में मंगलवार को हुई हिंसा के खिलाफ पुलिस को कड़े कदम उठाने के निर्देश के बाद क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। निषेधाज्ञा के तहत चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। हिंसा में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई और सैकड़ों वाहनों को जला दिया गया।
उत्तरी दिनाजपुर जिले के अंतर्गत आने वाले इलाके में मंगलवार को एक लड़की के साथ कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा फैल गई। इसके बाद कालियागंज नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नम्बर चार, पांच, छह एवं ग्यारह में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। किशोरी का शव पिछले सप्ताह एक नहर में मिला था। पुलिस द्वारा किशोरी के शव को सड़क पर घसीटते हुए ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
रायगंज जिले के पुलिस अधीक्षक ने गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर राजनीतिक सभा नहीं करने का आग्रह किया है। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी कालियागंज की सड़कों पर गश्त कर रहे हैं।
सुश्री बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैंने पुलिस से कड़े कदम उठाने को कहा है।
उन्होंने मंगलवार को कालियागंज में हुई घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए हिंसा में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार करते हुए उस पर बिहार के लोगों की मदद से गुंडों, बदमाशों की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह पुलिस पर सुनियोजित हमला था। मैंने पुलिस से कड़े कदम उठाने को कहा है।” उन्होंने जिस तरह से शव को सड़क पर घसीटा गया, उस पर भी कड़ा ऐतराज जताया।
इस बीच भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा के नेतृत्व में राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की और उन्हें कालियागंज की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक ज्ञापन दिया।
गौरतलब है कि कालियागंज में पिछले कुछ दिन से एक किशोरी के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के बाद तनाव व्याप्त है। इसके कारण मंगलवार को आदिवासियों का आंदोलन हिंसक हो गया और भीड़ ने थाने को आग के हवाले कर दिया। इस हमले में कई पुलिस कर्मियों को चोटें आई।
पुलिस को आंदोलनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। आंदोलन को हिंसक होता देख रायगंज और इस्लामपुर से और सुरक्षा बल बुलाया गया।
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