हाइलाइट्स :
पहले से ही तैनात की गई हैं सीएपीएफ की 150 कंपनियां।
विधानसभा और पंचायत चुनावों में हुई हिंसा के बाद ECI सख्त।
Additional companies of Central Security Force deployed in West Bengal : पश्चिम बंगाल। विधानसभा और पंचायत चुनावों में हुई हिंसा के बाद भारत निर्वाचन आयोग सख्त है। सुरक्षा के लिहाज से लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पूर्व केंद्रीय सुरक्षा बल की 27 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीट पर सात चरणों में चुनाव होने हैं। 2021 में हुए विधासभा चुनाव के दौरान यहां हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। बता दें कि, पश्चिम बंगाल में पहले से ही सीएपीएफ की 150 कंपनियां तैनात की गई हैं।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण से पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की अतिरिक्त 27 कंपनियों के राज्य में पहुंचने की संभावना है। पश्चिम बंगाल में में एक जून तक सात चरणों में मतदान होंगे और मतगणना चार जून को होगी।
सात चरण में होंगे चुनाव :
पहले चरण में कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में मतदान होगा।
दूसरे चरण में दार्जिलिंग, रायगंज, बालुरघाट।
तीसरे चरण में मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद।
चौथे चरण में बहरामपुर, कृष्णानगर, राणाघाट, बर्धमान, बर्धमान दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर और बीरभूम।
पांचवें चरण में बनगांव, बैरकपुर, हावड़ा, उलूबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाद।
छठवें चरण में तामलुक, कांथी, घाटल, झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा, बिष्णुपुर।
सातवें चरण में दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर में मतदान होंगे।
सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग ने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान हुए खून-खराबे और हाल ही में पंचायत चुनावों में हुई हिंसा के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की 920 कंपनियों को तैनात करने का अनुरोध किया है, जो इस तरह के सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी संख्या है। केंद्र ने पहले ही राज्य में सीएपीएफ की 150 कंपनियां तैनात कर दी हैं। एक कंपनी में लगभग 120 सैनिक होते हैं।
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