हाइलाइट्स :
26 फरवरी से उत्तराखंड में शुरू हो रहा है बजट सत्र।
संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी नुकसान की वसूली।
उत्तरप्रदेश में साल 2022 में पेश किया गया था ऐसा ही बिल।
देहरादून, उत्तराखंड। प्रदर्शन के नाम पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर उत्तराखंड सरकार सख्त है। पिछले दिनों हुए हल्द्वानी हिंसा के बाद राज्य में पुष्कर सिंह धामी की सरकार अब एक्शन मोड में हैं। 26 फरवरी से उत्तराखंड में बजट सत्र शुरू हो रहा है। इस बजट सत्र में सरकार एक क़ानून पेश करेगी जिसके द्वारा प्रदर्शन के नाम पर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार 26 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में 'उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक' लाएगी। इस बिल के तहत विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली उपद्रव में शामिल आरोपियों से की जाएगी। नुकसान की भरपाई के लिए सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
उत्तरप्रदेश में है ऐसा ही क़ानून :
सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति की सुरक्षा करने के लिए ऐसा ही कानून उत्तरप्रदेश में भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार साल 2022 में उत्तरप्रदेश में लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक (संशोधन) पेश कर चुकी है। इसके तहत गठित ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट की शक्ति प्राप्त है। इसका इस्तेमाल भी कई बार किया गया है।
हल्द्वानी हिंसा के बाद सरकार सख्त :
आठ फरवरी 2024 को हल्द्वानी में आगजनी और दंगा हुआ था। दरअसल, पुलिस - प्रशासन अवैध कब्जा हटाने के लिए बनभूलपुरा क्षेत्र में गई थी इसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया था। इसमें 6 लोगों की मौत हुई थी। कई दिनों तक बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू भी लगा था। इस पथराव में सार्वजानिक और निजी सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचा था। इस घटना के बाद सरकार अब कानून लाकर ऐसे उपद्रवियों से नुकसान की वसूली करेगी।
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