हाइलाइट्स :
चंद्रग्रहण के सूतक काल पर बंद हुए मंदिरों के कपाट खुले
आज बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के कपाट खोल दिए
ग्रहण काल समाप्त होने के बाद सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी
उत्तराखण्ड, भारत। चंद्रग्रहण के चलते मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। इस दौरान बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सभी अधीनस्थ मंदिर भी बंद कर दिए गए। ऐसे में आज सुबह शुद्धिकरण के बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के कपाट खोल दिए है।
सुबह 4.30 बजे 'ब्रह्म मुहूर्त' में शुद्धिकरण के बाद मंदिरों के कपाट खोले
मिली जानकारी के मुताबिक, चंद्र ग्रहण के बाद आज सुबह 4.30 बजे 'ब्रह्म मुहूर्त' में शुद्धिकरण के बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के कपाट खोल दिए गए, सुबह शुद्धिकरण करने के बाद मंदिर ब्रह्ममुहुर्त में खुलें और महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित सभी पूजाएं संपन्न हुई और दैनिक पूजा शुरू हो गई यहां श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए।
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी :
बता दें, ग्रहण काल समाप्त होने के बाद सुबह से हर की पैड़ी पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दान और पूजा कर अपने लिए मनोवांछित फल की कामना की। वही, चंद्र ग्रहण के बाद हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई।
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की शरद पूर्णिमा पर लग रहा चंद्रग्रहण
बताते चलें कि, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लग रहा। ग्रहण के नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। ग्रहण काल में भोजनादि तथा देवविग्रह स्पर्श करके पूजनादि वर्जित होते हैं। इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट सूतक काल के शुरू होने से पहले बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल के शुरू होने से पहले ही केदारनाथ मंदिर सहित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सभी अधीनस्थ मंदिरों के कपाट शाम चार बजे बंद कर दिए गए थे।
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