उत्तराखंड, भारत। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज रविवार को उत्तराखंड के हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय में 'वसुधैव कुटुंबकम' व्याख्यान श्रृंखला को संबोधित किया।
हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय में 'वसुधैव कुटुंबकम' व्याख्यान श्रृंखला को संबोधित कर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा- देश आज गर्व महसूस करता है, जब हमारे वैज्ञानिक चंद्रयान को चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतारते हैं और ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बनता है। कल प्रधानमंत्री जी ने चांद के जिस स्थान पर चंद्रयान उतरा था, उसका नामकरण किया और उस टच डाउन को 'शिवशक्ति' नाम दिया। अगर हम शिक्षा के क्षेत्र में पाश्चात संस्कृति की बात करें तो उसमें शिक्षा जीवन अर्पण करने का माध्यम है। वहीं अगर हम अपनी संस्कृति की बात करें तो हमें समझ में आता है कि इसकी शुरुआत ही 'संस्कार शाला' से होती है। यहां शिक्षा अपने जीवन का सार्थक अर्थ ढूंढने का माध्यम है।
व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में देव संस्कृति विश्वविद्यालय एक पायनियर संस्थान के रूप में देश में अपना योगदान करेगा। इसी के माध्यम से आगे चल कर देश में परिवर्तन आएगा। पाश्चात्य देशों के सोचने का तरीका रहा है कि मनुष्य सर्वोच्च है।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
भगवान ने सब कुछ हमारे लिए ही बनाया है। इसलिए वह सोचते हैं कि, इनका उपयोग नहीं उपभोग करना हमारी जिम्मेदारी है। जबकि हम सोचते हैं कि उतना लो जितना आवश्यक है, उतना लो जितना पृथ्वी के साथ समन्वय बन सके, प्रकृति को उतना ही छेड़ो जो आवश्यक है और self sustainable develop करो।
दुनिया का इतिहास देखें तो हर जगह बड़े ने छोटे को दबाने का प्रयास किया। एक राज्य ने दूसरे राज्य को, एक देश ने दूसरे देश को, साम्राज्यवाद को फैलाने का प्रयास किया। भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, हम सबके सुख की कामना करते रहे। ये वसुधैव कुटंबकम भारत है।
जब G20 की अध्यक्षता करने का मौका भारत को मिला तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 'वसुधैव कुटंबकम' की बात को दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया और बताया कि, हम पूरी दुनिया को परिवार की तरह देखते हैं।
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