उत्तराखंड के CM रावत राहत व बचाव कार्यों का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे Priyanka Sahu -RE
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उत्तराखंड के CM रावत राहत व बचाव कार्यों का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से हुए बड़े हादसे के एक दिन बाद यानी आज राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा लेने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ पहुंचे, यही बिताएंगे रात...

Author : Priyanka Sahu

उत्तराखंड, भारत। उत्तराखंड में बीते दिन अचानक कुदरती आफत की भयानक तबाही के बाद यहां बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्लेशियर टूटने के बाद राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा लेने के लिए जोशीमठ पहुंचे।

जोशीमठ इलाके का किया दौरा :

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ इलाके का दौरा किया और बताया कि, "बचाव दल तपोवन सुरंग के 130 मीटर अंदर तक जा चुका है। अब और 50 मीटर अंदर तक पहुंचने में 2.5-3 घंटे लग सकते हैं। NTPC को 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।"

जोशीमठ जाने से पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट के जरिए इस बारे में खुद जानकारी देते हुए बताया- मैं जोशीमठ के लिए रवाना हो रहा हूं और वहां रात बिताऊंगा। कल मैं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बना रहा हूं और लोगों से भी मिलूंगा। हमारे राहत और बचाव अभियान पूरे जोरों पर जारी है और हम जान बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।

CM त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को दिये ये निर्देश :

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जोशीमठ में आई आपदा में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की और उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि, क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो।

राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों को भी सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आज उत्तराखंड के सांसदों के साथ उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा पर राहत प्रयासों पर चर्चा की।

बता दें कि, उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्‍लेशियर टूटने के बाद आई बाढ़ में काफी लोग बह गए एवं कई लापता है। तो वहीं, सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है, फंसे लोगों को ​बाहर निकालने के लिए सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं। हालांकि, दोपहर के वक्‍त सामने आई जानकारी के अनुसार, अब तक हमने 18 शव बरामद हुए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 बताई गई थी।

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